राजनीति और पत्रकारिता दोनों में संतुलन जरूरी- नरोत्तम

  
Last Updated:  August 16, 2021 " 12:25 am"

धार : धार जिला पत्रकार संघ के सारस्वत आयोजन ‘शब्द समागम’ का सातवां क्रम स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर महाराजा भोज शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सांसद छतरसिंह दरबार, वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा, मीडिया वाला के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार राजेश सिरोठिया ने आयोजन की शोभा बढाई। आयोजन जिले के मूर्धन्य पत्रकार स्व. राजेन्द्र माथुर, स्व. कृष्णलाल शर्मा व स्व. अरविंद काशिव की स्मृति को समर्पित है।

राजनीति और पत्रकारिता दोनों में संतुलन जरूरी।

डॉ. मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यश कामना के बिना सामाजिक कार्य वर्तमान समय में बहुत कठिन है। राजनीति और पत्रकारिता दोनों में संतुलन जरूरी है। उन्होंने अपनी बात को अधिक स्पष्ट करते हुए शेर पढ़ा ‘‘यहां तीर भी चलाने है, परिंदे भी बचाने है’’। उन्होंने पत्रकारों की प्रताड़ना को लेकर कहा कि प्रदेश में एक एडीजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाएंगी, ताकि पत्रकारों को प्रताड़ना के मामलों में त्वरित न्याय मिल सके।

पत्रकारों के हित में चलाई जा रही कई योजनाएं।

डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पत्रकारों के लिए वर्तमान में जितनी योजनाएं चल रही है, भाजपा सरकार की ही देन है। 10 हजार रूपए आर्थिक सहायता के जितने प्रकरण हैं, सभी का जल्द निपटारा किया जाएगा। उन्होंने राजनीति और पत्रकारिता के कार्य क्षेत्र को समान बताया। उन्होंने कहा जिस तरह पत्रकारिता में संतुलन आवश्यक  है उसी तरह राजनीति में भी संतुलन बनाना पड़ता है। पद और प्रतिष्ठा मिलने पर आलोचना का शिकार होना पड़ता है तो खोने पर भी कटाक्ष सहन करना पडते है।

पूर्ववर्ती सरकारों के समय देश ने स्वाभिमान खोया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद छतरसिंह दरबार ने पूर्व की विपक्षी और भाजपा की वर्तमान सरकार की तुलना की। उन्होंने कहा कि जयचंद नहीं होते तो देश को आजादी जल्द मिल गई होती। आजादी के बाद बनी सरकारें देश के लिए कुछ खास नहीं कर सकी। उनकी असफलताओं से देश अपना स्वाभिमान तक खो बैठा। परिवर्तन का दौर केन्द्र में अटल जी की सरकार बनने के बाद प्रारंभ हुआ। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद अनेक ऐतिहासिक काम हुए हैं। जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसा साहसिक काम मोदी सरकार ने किया। कोरोना की दो लहरों का सामना मोदी जी के नैतृत्व में देश ने कुशलता से कम संसाधनों के बावजूद किया।
सांसद ने कहा जो देश से प्यार करते है उन्हें एक बार अंडमान निकोबार की पोर्ट ब्लेयर स्थित सेलुलर जेल अवश्य जाना चाहिए। वहां जाने पर पता चलता है कि सावरकर जैसे क्रांतिकारियों ने देश को स्वतंत्र कराने के लिए कितने असहनीय कष्ट सहे। राज्य सरकार केन्द्र सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। पत्रकारों को अच्छा काम करने वाली सरकारों का सहयोग करना चाहिए।

राम चरित्र को आत्मसात करे पत्रकार – पंकज शर्मा

फिल्म सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य, पत्रकार पंकज शर्मा ने याद दिलाया कि स्वतंत्रता दिवस के साथ रविवार को गोस्वामी तुलसीदास की पुण्यतिथि भी है। उन्होंने भगवान राम के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाया वह भी मुगलों के कठिन समय में। राम न्याय प्रिय और समावेशी राजा थे। एक पत्रकार में भी ये गुण होना चाहिए। पत्रकारों को राम चरित्र को आत्मसात करना चाहिए। मीडिया हाउस के मालिकों की कार्यशैली जो भी हो पत्रकारों को अपना मूल चरित्र बनाए रखना होगा। इस समय पत्रकारिता संक्रमण के दौर से गुजर रही है। भारतीय लोकतंत्र की समृद्धि में हिन्दी पत्रकारिता के योगदान विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा ‘‘लोकतंत्र की समृद्धि में पत्रकारिता का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने धार जिला पत्रकार संघ की बीमा योजना को अदभूत बताया।’’

समाज के रियल हीरो  को खोजे – सुरेश तिवारी।

धार से अपने पत्रकारिता केरियर की शुरूआत करने वाले मीडिया वाला ग्रुप के प्रधान संपादक सुरेष तिवारी ने सरोकार की पत्रकारिता पर जोर दिया। उन्होंने दु:ख व्यक्त किया कि जन पत्रकारिता लगभग गायब हो गई है। रूटिन पत्रकारिता के साथ जन सरोकार की पत्रकारिता का होना समाज के लिए आवश्यक है। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वे अपने आसपास रियल हीरो खोजे और उन्हें तराशे। एक खबर किसी को प्रेरित और प्रोत्साहित कर शिखर पर पहुंचा सकती है। इसके उदाहरण समाज में मौजूद हैं।

पत्रकारिता अब बाजार बन गई है।

वरिष्ठ पत्रकार राजेश सिरोठिया ने ‘‘आजादी के 75 वर्ष और भारतीय पत्रकारिता ’’ विषय पर कहा पाठकोन्मुखी पत्रकारिता ही सार्थक है। आजादी के समय पत्रकारिता मिशन थी बाद में प्रोफेशन बनी और 90 के दशक में बाजार वाद के प्रभाव से उसका बाजारीकरण हो गया। बाजारवाद के कारण पत्रकारिता की साख को धक्का लगा है। तकनीक के कारण पत्रकारिता बहुत तेजी से बदली है। सूचनाओं की बाढ़ के कारण पत्रकार भ्रम जाल में फंस रहे है।
जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस जैसे असंख्य क्रांतिकारियों ने देष को आजादी दिलाई। आजादी के बाद वंशवाद पनपा जिससे देश की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने कहा वर्तमान शासन प्रणाली वंशवाद से पूरी तरह मुक्त है। इसलिए देश तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने कोरोना का  उदाहरण देते हुए कहा देश में संकटकाल में कोरोना वैक्सीन का रिकार्ड उत्पादन हुआ।
प्रदेश भाजपा के सचिव जयदीप पटेल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
धार जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष पं. छोटू शास्त्री ने शब्द समागम आयोजन की भूमिका रखी। उन्होंने मंचासीन अतिथियों का स्वागत कर उन्हें संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए। जिले के 10 पत्रकारों को प्रतिक स्वरूप स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी भेंट की गई। जिले के एक हजार पत्रकारों को धार जिला पत्रकार संघ की ओर से 5-5 लाख की बीमा पॉलिसी का भी वितरण किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. मिश्रा सहित सभी अतिथियों ने धार जिला पत्रकार संघ की स्मारिका ‘‘धार की धडकन’’ का डिजिटल विमोचन किया। अतिथियों ने स्व. राजेन्द्र माथुर, स्व. कृष्णलाल शर्मा व स्व. अरविंद काशिव के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुंभारभ किया। मंच पर राऊ के पूर्व विधायक जीतु जिराती, इंदौर की आवाज के विजय भट्ट, डीआईजी इंदौर ग्रामीण रेंज चन्द्रशेखर सोलंकी, कलेक्टर आलोक कुमार सिंह, एसपी आदित्य प्रतापसिंह, धार जिला पत्रकार संघ की संरक्षक पुष्पा शर्मा उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में कोरोना काल में दिवंगत हुए 9 पत्रकार स्व. मुस्लिम शेख, स्व. राजेन्द्र धोका, स्व. राजेन्द्र वर्मा, स्व. धीरेन्द्र तोमर, स्व. दिनेश सोलंकी, स्व. दिनेश बैरागी स्व.अंतरसिंह डंग, स्व.रवि राठौर, स्व. जीतेन्द्र जायसवाल को श्रद्धाजंलि दी गई। आभार पुष्पा शर्मा ने माना। कार्यक्रम का संचालन जिला पत्रकार संघ के महासचिव प्रदीप अगाल ने किया।

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