इंदौर : विधायक आकाश विजयवर्गीय की पुस्तक ‘देव से महादेव’ के मराठी अनुवाद का विमोचन समारोह अभय प्रशाल स्थित लाभ मंडपम में किया गया। आरएसएस सर कार्यवाह भैयाजी जोशी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता श्री उत्तम स्वामी महाराज ने की। पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष वीएस कोकजे, अण्णा महाराज, गोकुलोत्सव महाराज, अमृतफले महाराज, लक्ष्मण दास महाराज आदि विशेष अतिथि के बतौर कार्यक्रम में मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने औपचारिक रूप से ‘देव से महादेव’ के मराठी अनुवाद का विमोचन किया।
पुस्तक का मराठी अनुवाद मेघना निरखिवाले ने किया है।उनका भैयाजी जोशी के हाथों शॉल- श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। पुस्तक पर केंद्रित लघु फ़िल्म का प्रदर्शन भी इस मौके पर किया गया।
सज्जनों को सक्रिय होने की जरूरत।
विमोचन समारोह में अपने विचार रखते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि सज्जन लोग अक्सर निष्क्रिय रहते हैं। वे किसी झमेले में पड़ना नहीं चाहते लेकिन दुर्जनों की सक्रियता का मुकाबला करने के लिए सज्जनों को भी सक्रिय होने की जरूरत है।
सिविल सोसायटी संघर्ष को बढ़ावा दे रही है।
भैयाजी जोशी ने सिविल सोसायटी की अवधारणा को पश्चिम की देन बताया। उन्होंने कहा कि सिविल सोसायटी के नाम पर तथाकथित बुद्धिजीवी समाज में विद्रोह, वैमनस्य और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। मानवाधिकार शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
भारत की स्त्री पहले से सशक्त है।
संघ सर कार्यवाह श्री जोशी ने कहा कि स्त्री मुक्ति जैसे शब्द भी कथित प्रबुद्ध वर्ग के दिमाग की उपज है। ये आयातित विचार है। भारतीय समाज में तो महिलाओं को शक्ति का प्रतीक माना गया है। उन्होंने कहा कि भारत मृत्युंजय देश है इसे कोई मिटा नहीं सकता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तम स्वामीजी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। उन्होंने शिव तत्व की व्याख्या करने के साथ कहा कि इंसान के सदकर्म ही उसे देवतातुल्य बनाते हैं।
प्रारम्भ में पुस्तक के लेखक विधायक आकाश विजयवर्गीय ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने पुस्तक लेखन में आई कठिनाइयों का भी विस्तार से वर्णन किया। अतिथियों का स्वागत आशा विजयवर्गीय व आयोजन से जुड़े लोगों ने किया। संचालन विकास दवे ने किया। आभार शेखर किबे ने माना। विधायक आकाश के पिता कैलाश विजयवर्गीय, विजयवर्गीय परिवार के तमाम सदस्य, कृष्णमुरारी मोघे, गोपी नेमा, अन्य बीजेपी नेता, शहर के गणमान्य नागरिक और महाराष्ट्रियन समाज से जुड़े लोग भी बड़ी तादाद में मौजूद थे।