इंदौर : अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भगवान राम के दिव्य मंदिर के भूमि पूजन समारोह में इंदौर भी आध्यात्मिक रूप से शामिल रहेगा। इंदौर की भागीदारी शास्त्रोक्त विधि और सामग्री से बनी माटी गणेश प्रतिमा के रूप में होगी।
ये जानकारी माटी गणेश की संस्थापक ज्योति सुबोध खंडेलवाल ने दी। उन्होंने बताया कि मिट्टी और गोबर में 76 औषधियों के अर्क से मंत्रोच्चार के बीच बनी गणपति जी की पहली मूर्ति विधि विधान से पूजा कर श्रीराम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत भाई सोमपुरा को भेज दी गई है।मूर्ति के साथ बनारस में पंचरंगी धागे से बनी दिव्य माला, सेनेटाइजर पाउच और मास्क भी भेजा गया है।
आर्किटेक्ट आशीष लेकर गए हैं सवा 11 इंच की मूर्ति।
चंद्रकांत भाई के सुपुत्र आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सवा 11 इंच की इस प्रतिमा को लेकर अयोध्या गए हैं। तीन तारीख को जन्मस्थली में गणपति पूजन से भूमिपूजन समारोह का शुभारंभ होगा। वहां इंदौर के शास्त्रोक्त माटी गणेश भी विराजित होंगे।
ज्योति सुबोध ने बताया कि उन्होंने 31 तारीख को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय को फोन पर माटी गणेश प्रतिमाओं के बारे में बताते हुए प्रतिमा भेजने की स्वीकृति मांगी थी। उन्होंने मंदिर के मॉडल की डिजाइनिंग करने वाले वास्तुविद चंद्रकांत भाई सोमपूरा को मूर्ति भेजने को कहा था। अब वे गणपति जी को रामजी के मंदिर ले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि शास्त्रोक्त माटी गणेश मूर्ति बनाने का सिलसिला शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और वैद व आगम शास्त्रों के विद्वान, आचार्य डॉ. विनायक पांडेय की प्रेरणा से 2014 में शुरू हुआ था।अब ये मूर्तियां मुम्बई, पुणे, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, जयपुर, जोधपुर, सूरत, बड़ौदा, भोपाल, जबलपुर तक जाती हैं।