नई दिल्ली: तमाम कवायद के बावजूद मप्र कांग्रेस में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। आम जनता के सामने ये दिखावा जरूर किया जाता है कि पार्टी एकजुट है पर हक़ीक़त में ऐसा बिल्कुल नहीं है। शीर्ष नेता अभी भी एक-दूसरे को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करते।. सूत्रों की बात पर यकीन करें तो बुधवार रात नई दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आहूत की गई थी।बैठक में मप्र की 230 सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन चल रहा था।राहुल गांधी भी बैठक में मौजूद थे। इसी दौरान अपने- अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में उलझ पड़े। दोनों में तीखी तकरार हो गई। बात इतनी बढ़ी की राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा। बैठक भी बिना किसी नतीजे के खत्म कर दी गई। शीर्ष नेताओं में इसतरह की शाब्दिक मारामारी से चिंतित राहुल गांधी ने एके अंटोनी, अशोक गहलोत और अहमद पटेल की कमिटी बनाकर मामले को सुलझाने को कहा।हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी समिति के सदस्य दिग्विजय- सिंधिया के बीच समन्वय बिठाने में अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं। इसी के चलते गुरुवार को भी उम्मीदवारों के नामों पर मुहर नहीं लग पाई।
बहरहाल पहले से ही गुटों में बटी कांग्रेस के बड़े नेताओं में चुनाव के समय ये तल्खी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर विपरीत असर डाल सकती है वहीं पार्टी की संभावनाओं को भी धूमिल कर सकती है।
राहुल के सामने भिड़े दिग्विजय- सिंधिया
Last Updated: November 1, 2018 " 04:20 pm"
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