नई दिल्ली : 75 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने ईडी के दो अधिकारियों सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में प्रवर्तन निदेशालय के उपनिदेशक पूरन कामा सिंह, सहायक निदेशक भुवनेश कुमार और उनके दो सहयोगी शामिल हैं। 75 लाख रुपए की रिश्वत की मांग 104 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में मामला रफा-दफा करने के लिए की जा रही थी। यह मांग एक कोडवर्ड के रूप में थी, कोड वर्ड डिकोड करने पर आश्चर्यजनक मतलब निकल कर आया। रिश्वत के लिए कोड वर्ड था 1 किलो और उसका मतलब था 1लाख रूपए। बता दें कि अभी तक एक लाख के लिए एक पेटी कोडवर्ड उपयोग किया जाता था अब किलो हो गया।
सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक भ्रष्टाचार निरोधक शाखा गांधीनगर को परेश एच पटेल नाम के शख्स ने शिकायत की थी कि उसकी एच एम इंडस्ट्रियल प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी है, इस कंपनी के खिलाफ सीबीआई ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत 104 करोड़ रुपए का बैंक ऑफ बड़ौदा को चूना लगाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था, बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
शिकायत के मुताबिक इस मामले में परेश पटेल को प्रवर्तन निदेशालय ऑफिस अहमदाबाद के उपनिदेशक पूरन कामा सिंह की तरफ से पूछताछ का नोटिस मिला, उन्हें और उनके बेटों को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय अहमदाबाद बुलाया गया था। ईडी द्वारा जारी किए गए नोटिस के आधार पर वे 22 अप्रैल 2021 और 25 मई 2021 को ईडी अधिकारियों के सामने पेश हुए जहां उप निदेशक पूर्ण काम सिंह और सहायक निदेशक भुवनेश कुमार ने उनके बयान दर्ज किए।
इसके बाद 18 जून 2021 को परेश पटेल ईडी के उप निदेशक पूरन कामा सिंह के कहने पर अपने बेटे हार्दिक पटेल के साथ ईडी कार्यालय अहमदाबाद गए जहां पूरन कामा सिंह ने बाप बेटों की बुरी तरह से पिटाई की और उन्हें धमकी दी कि उनकी सारी जायदाद को अटैच कर लिया जाएगा, इसके बाद उपनिदेशक पूरन कामा सिंह ने सहायक निदेशक भुवनेश कुमार की उपस्थिति में उनसे 75 लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की और यह भी कहा कि पैसे दिए जाने पर उनकी पिटाई नहीं की जाएगी।
इस कांड की दिलचस्प बात यह है कि इन बाप बेटों से प्रवर्तन निदेशालय के उपनिदेशक ने कहा कि रिश्वत के लिए उन्हें कोड वर्ड यूज़ करना होगा और यह कोड वर्ड था 1 किलो का मतलब एक लाख. यानी यदि पटेल को 10 लाख रुपए देने होते तो वह ईडी अधिकारियों को बताता कि वह 10 किलो माल लाया है।
सीबीआई के मुताबिक शिकायत मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने शिकायत की आरंभिक जांच की। इस दौरान यह पाया गया कि वास्तव में ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगी जा रही है। इस आधार पर सीबीआई ने इस मामले में रिश्वत मांगने और आपराधिक षड्यंत्र रचने की बाबत मुकदमा दर्ज किया।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने पैसे लेने वाले ईड़ी अधिकारियों को बताया कि उसके पास 5 किलो माल तैयार है, वह कहां माल दे..? इस पर उन्हें बताया गया कि वह यह माल दिल्ली जाकर डिलीवर कर दे।
शिकायतकर्ता ने यह जानकारी सीबीआई अधिकारियों को दे दी। इसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने जाल बिछाकर 75 लाख रुपए की रिश्वत में से पहली किस्त 5 लाख रुपए ले रहे ईडी अधिकारियों के दो सहयोगियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई अधिकारी के मुताबिक इस मामले में अहमदाबाद में मौजूद ई डी के उप निदेशक पूरन कामा सिंह और सहायक निदेशक भुवनेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों अधिकारियों को विशेष अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। सीबीआई उनसे जानना चाहती है कि उनका यह अवैध धंधा कब से चल रहा था और उन्होंने किन किन लोगों से रिश्वत ली है और कहीं इस मामले के तार दिल्ली मुख्यालय से तो नहीं जुड़े हुए हैं।
*_ध्यान रहे की 1 महीने के दौरान ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगे जाने के आरोप में गिरफ्तार होने का यह दूसरा मामला है. इसके पहले सीबीआई ने बेंगलुरु में तैनात ईडी के सहायक निदेशक को गिरफ्तार किया था और उस मामले में भी उपनिदेशक का नाम सामने आया था मामले की जांच जारी है।