इंदौर : रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लेक मार्केटिंग करने वाले तीन आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने बन्दी बनाया है। इन्हें सांवेर थाना पुलिस के सहयोग से पकड़ा गया।
आरोपियों के कब्जे से कुल 2 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन, कार, तीन मोबाइल व नगदी रूपए बरामद किए गए।
पकड़े गए आरोपी जरूरत मंद एवं आम जनता की मजबूरी का फायदा उठाकर अवैध धन लाभ अर्जित करने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन ऊंची कीमत पर बेचने की फिराक मे थे ।
बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत करीब 10,000 रूपए बताई गई है। गिरफ्तार आरोपियों में एक प्रायवेट पैथोलॉजी लेब मे काम करने वाला लेब टैक्नीशियन भी शामिल है।
आरोपियों को थाना सांवेर क्षैत्र मे कुडाना फाटा वाइन शाप चौराहे के पास से मुखबिर की सूचना पर पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम हैदर अली पिता मशकूर अली उम्र 21 साल निवासी गिरवर रोड तालाब के पास शाजापुर, वसीम पिता यूसूफ खान उम्र 38 साल निवासी दरगाह के सामने ग्राम सांवेर जिला इन्दौर एवं अशरद पिता ईशाक खान उम्र 30 साल निवासी वार्ड क्रमांक 5 ग्राम सांवेर जिला इन्दौर होना बताया।
तीनों आरोपीगणों मे से वसीम ने पूछताछ में बताया कि उसने किसी कछालिया वाले से 10 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन कुल 2,50,000/- में खरीदे थे, जिसमें से 6 नग इंजेक्शन परिजन को लगवा दिए थे। बचे 4 इंजेक्शन मे से 2 नग हैदर अली को 30,000/- रूपए प्रति नग के हिसाब से ब्लेक मे बेच दिए। 2 नग इंजेक्शन गांव के ही अशरद खान (कंपाउडर लेब टैक्नीशियन) के माध्यम से विक्रय करने हेतू वाटसएप पर कई लोगों को भेज दिया था जिनसे रूपयों का मोल भाव का सौदा चल रहा था। हैदर अली ने पूछताछ मे बताया कि वह वसीम से 2 रेमडीसिवर इंजेक्शन लेकर 40,000/- रूपए प्रति नग के हिसाब से अन्य कोविड पॉजिटिव मरीजों के परिजनों को बेचना चाहता था। सभी ने पूछताछ में आज दिनांक तक 30 से अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच कर रूपए कमाना स्वीकार किया है ।
तीनो आरोपीगणों के विरूध्द थाना सांवेर जिला इन्दौर में अपराध क्रमांक 214/21 धारा 188 भादवि, महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 व म.प्र. राज्य आयुर्विज्ञान परिषद एक्ट 1956-57 की धारा 24 का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया है ।