इंदौर : कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाले रेमडेसीवीर इंजेक्शन को लेकर मारामारी मची हुई है। बीते तीन दिनों से हाथों में पर्चियां लिए मरीजों के परिजन दवा बाजार के सामने डेरा जमाए हुए है। मंत्री, सांसद, सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी केवल बैठकों में व्यस्त हैं। विपक्ष के विधायक और नेता आपदा में भी सियासत का अवसर ढूंढ कर अपनी रोटी सेंक रहे हैं। मरीजों को राहत कैसे पहुंचाई जाए, परिजनों को इंजेक्शन जल्द उपलब्ध करवाने का भरोसा देकर उनकी चिंता दूर की जाए, इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। तपती धूप में खड़े रहकर इंजेक्शन की उम्मीद मे वक्त काटना उनकी मजबूरी बन गई है। ऊपर से पुलिस की झिड़कियां उन्हें आक्रोशित कर रहीं हैं।
बेरिकेड्स लगाकर किया चक्कजाम।
शुक्रवार को इंजेक्शन की उम्मीद में लाइन लगाकर खड़े लोगों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने एमवायएच मार्ग पर बेरिकेड्स खड़े कर जाम लगा दिया। लोगों के गुस्से को देखते हुए पुलिस भी तमाशबीन बन गई।प्रदर्शनकारी लोगों ने शासन- प्रशासन के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। अधिकारियों ने जैसे- तैसे उन्हें समझा- बुझाकर चक्काजाम खत्म करवाया।
शनिवार को इंजेक्शन मिलने की कही बात।
अधिकारियों ने बकायदा अनाउंसमेंट कर लोगों को ये भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि रेमडेसीवीर इंजेक्शन की खेप जल्द इंदौर आने वाली है। शनिवार को इंजेक्शन उपलब्ध होने की संभावना है, अतः फिलहाल वे घर लौट जाएं।हालांकि लोगों पर उनकी बात का ज्यादा असर नहीं पड़ा।
गुवाहाटी से मंगवाए हैं इंजेक्शन।
बताया जाता है कि प्रदेश सरकार ने असम के गुवाहाटी स्थित एक फार्मा कम्पनी से 5 हजार इंजेक्शन मंगवाए हैं। सम्भवतः शनिवार सुबह तक ये इंजेक्शन मिल जाएंगे। इंजेक्शन उन मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर लगाए जाएंगे, जिन्हें वाकई इनकी जरूरत है।