इंदौर : श्री लक्ष्मी वैंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में रविवार, 31 जुलाई से 15 दिवसीय झूला उत्सव का शुभारंभ हुआ 14 अगस्त तक चलेगा। झूला उत्सव के पहले दिन श्रद्धालुओं ने गोविंदा गोविंदा के जयघोष के साथ गुलाब, मोगरा, जूही, रजनीगंधा से सजे रजत झूले में प्रभु वेंकटेश को भगवती श्री श्री देवी और श्री भूदेवी को विराजित किया था। प्रभु वैंकटेश ने इस दौरान राजाधिराज स्वरूप में दर्शन दिए।
देवस्थान के प्रचार मंत्री पंकज तोतला ने बताया कि झूला महोत्सव का आयोजन 15 दिन तक सतत चलेगा जिसमें गरुड़,शेषनाग,मत्स्य,अश्व पर कृष्ण,रंगनाथ, शेषावतार,व कई अनेक स्वरूप में प्रभु के दर्शन होंगे।
मोरपंख,राखी,पुष्प,पवित्रा,दीपों व हरियाली द्वारा भी झूले का श्रृंगार किया जाएगा।
प्रतिदिन उत्सव सायंकाल 6 बजे से प्रारम्भ होगा, जिसमें प्रभु वेंकटेश श्री देवी व भु देवी के साथ विशेष स्वरुप में झूले में विराजमान होंगे। सायंकाल 6 बजे से झूले में विशेष श्रृंगार दर्शन रात्रि 7 बजे से वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला द्वारा स्तोत्र पाठ का वाचन रात 8 बजे से भजन, रात 9 बजे प्रभु की झूले में विशेष आरती व अर्चना और प्रसाद वितरण होगा।
रविवार को अनेक भक्तों ने प्रभु को अपने हाथों से झूला झुलाकर अपनी मनोकामना पूरी की। भजनों के साथ ह्रदय का बनाऊ पलना नेनो की बनाऊ डोरी,कदम्ब की डाल पर सजा है झूला,झूले में विराजे कान्हा मेरे के साथ ही श्री सुक्त लक्ष्मी सूक्त वेंकटेश स्रोत्र के पाठ भी किये गए विशेष आरती व गोष्टि प्रसाद वितरित किया गया।