लुटेरे, ठग और भगौड़े थे शोले के जय – वीरू, सुरजेवाला ने कांग्रेस के दोनों वरिष्ठ नेताओं को दिए हैं सटीक नाम

  
Last Updated:  October 29, 2023 " 04:29 am"

सुरजेवाला के कमलनाथ व दिग्विजय सिंह को जय – वीरू बताने पर बोले बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा।

इंदौर : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मप्र के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच मची खींचतान को लेकर दिए गए बयान कि दोनों की जोड़ी शोले फिल्म के जय – वीरू की तरह है, पर बीजेपी ने तंज कसते हुए सुरजेवाला का धन्यवाद अदा किया कि उन्होंने दोनों के असली चरित्र को सामने रख दिया।

लुटेरे, ठग और भगौड़े थे जय – वीरू।

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सुरजेवाला के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शोले के जय – वीरू लुटेरे, ठग और भगौड़े थे जो जेल तोड़कर भागे थे। सुरजेवाला को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं की उन्होंने कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं को जय – वीरू बताकर उनके असल चरित्र को उजागर कर दिया। 15 माह की कांग्रेस सरकार में इन्हीं जय – वीरू ने प्रदेश का बेड़ा गर्क कर दिया था। सलूजा ने कहा कि शोले के जय – वीरू ठाकुर के कहने पर काम करते थे, जिसके दोनों हाथ कटे हुए थे। सुरजेवाला ये भी बताना चाहिए कि कांग्रेस के जय – वीरू के ठाकुर कौन हैं।

महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों को कांग्रेस ने दिए टिकट।

बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा महिला विरोधी है। उसने ऐसे लोगों को टिकट दिए हैं जो महिला उत्पीडन के दोषी हैं। बड़नगर से उसने जिस मुरली मोरवाल को टिकट दिया है, उसका बेटा युवती के साथ दुष्कर्म का आरोपी है। खुद मोरवाल पर कई संगीन मुकदमें दर्ज हैं। इसी तरह उमंग सिंघार और सिद्धार्थ कुशवाह जैसे महिला उत्पीडन के दोषियों को भी कांग्रेस ने टिकट दिए हैं। इससे पता चलता है की कांग्रेस को नारी सम्मान से कोई लेना – देना नहीं है। वह महिला विरोधी पार्टी है।

सिख विरोधी हैं कमलनाथ।

बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर भी सिख विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों में दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे के सामने दो सिखों को हिंसक भीड़ ने जलाकर मार दिया था। कमलनाथ उस भीड़ की अगुवाई कर रहे थे। तत्कालीन रॉ प्रमुख सिद्धू ने अपनी पुस्तक में इसका जिक्र किया है। कमलनाथ जब गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व में शामिल होने बीते वर्ष इंदौर आए थे तब उन्हें इसीलिए विरोध सहना पड़ा था। कानपुर से आए एक प्रवचनकार ने तो मंच से ही कमलनाथ को आमंत्रित किए जाने का विरोध किया था। सिख समाज के कमलनाथ के प्रति आक्रोश के चलते ही कांग्रेस को भारत जोड़ों यात्रा का स्थान बदलना पड़ा था। कमलनाथ और कांग्रेस की सिख विरोधी सोच इस बात से भी उजागर होती है की उन्होंने पूरे प्रदेश में सिख समाज के एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया।

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