इन्दौर : इंदौर जिले में लंबित प्रकरणों के आपसी सुलह समझौते के साथ निराकरण के लिये 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। यह लोक अदालत कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में संपन्न होगी। लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय इन्दौर, श्रम न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, उपभोक्ता फोरम एवं तहसील स्तर पर तहसील न्यायालय डॉ. अम्बेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर व हातोद में किया जा रहा है। नेशनल लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गये हैं। जिनके अंतर्गत राजीनामा योग्य आपराधिक के 1830, सिविल के 1793, मोटर दुर्घटना क्लेम के 2323, विद्युत के 2055, चेक बाउंस के 7317, बैंक रिकवरी के 97, भू-अर्जन के 49, वैवाहिक संबंधी 243, अन्य 367 इस प्रकार कुल लगभग 16 हजार लंबित मामले शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बैंक रिकवरी के 90085, विद्युत के 1143 से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं।
उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय इन्दौर में 62 खण्डपीठ तथा तहसील न्यायालय डॉ. अम्बेडकर नगर में 11 खंडपीठ, देपालपुर में 04 खंडपीठ, सांवेर में 03 खंडपीठ एवं हातोद में 01 खंडपीठ इस प्रकार कुल 81 खंडपीठो का गठन किया गया है।
न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिवराज सिंह गवली ने नेशनल लोक अदालत में समस्त पक्षकारों से अपने-अपने प्रकरणों का आपसी सहमति एवं सुलह के आधार पर निराकरण कराये जाने हेतु आग्रह किया है। जिला विधिक सहायता अधिकारी मिथिलेश डेहरिया ने पक्षकारों से अपील की है कि वे अपने मामले अधिक से अधिक संख्या में नेशनल लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत करवाकर प्रावधनित छूट का लाभ प्राप्त करें।
लोक अदालत में 16 हजार मामलों के निराकरण हेतु 81 खंडपीठों का गठन
Last Updated: March 7, 2025 " 11:19 pm"
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