जयपुर : जैसलमेर राजस्थान का नाम जेहन में आते ही वहाँ के किले,महल, बावड़ियाँ और वास्तुकला आंखों के सामने आ जाती है, लेकिन इन दिनों राजस्थान के जैसलमेर में बना ज्ञान सेंटर (The Gyan Center) चर्चा में हैं।
इस सेंटर कॉम्प्लेक्स में तीन बिल्डिंग हैं,पहली ‘राजकुमारी रत्नावती भाटी गर्ल्स स्कूल’ की, दूसरी ‘मेधा’ जिसमें परफ़ॉर्मेंस, आर्ट, एक्जीबिशन लाइब्रेरी और म्यूज़ियम के लिए जगह है और तीसरा महिलाओं के लिए ‘कोआपरेटिव’ ताकि वहाँ पर स्थानीय महिलाएँ सिलाई,कढ़ाई बुनाई का अपना हुनर प्रदर्शित कर सकें तथा उन्हें उपयुक्त बाज़ार के लिए सुविधाएं मिल सके। यह सेंटर जैसलमेर के कनोई गांव में है जो जयपुर से लगभग 600 किमी दूर है।इसकी डिजाइन लोगों को अपना मुरीद बना रही है। यह इंटरनेट पर भी वायरल हो रही है।विश्व प्रसिद्ध सम के धोरों में बने इस ज्ञान सेंटर की डिजाइन बेहद चित्ताकर्षक व मनमोहक है।
ऐसा लगता है जैसे रेगिस्तान के बीच सोने की चमक वाला महल खड़ा है। जैसे प्रकृति मां ने बेटे को अपनी गोद में ले रखा हो।
जैसलमेर राजपरिवार की राजकुमारी रत्नावती भाटी के नाम पर यह गर्ल्स स्कूल है। तपते रेगिस्तान में बनी यह बिल्डिंग वास्तु कला की बेजोड़ मिसाल है। गर्मी से बचने के लिए इसमें कोई AC नहीं है पर बनावट ऐसी की जालीदार दीवारें और हवादार छत विपरीत मौसम में भी सुकून देती है।
इस अंडाकार इमारत में लड़कियों के पढ़ने के लिए सारे प्रबंध हैं। मकसद है निर्धन लड़कियों को शिक्षा के जरिए बढ़ावा देना। लोकल सैंडस्टोन पत्थर से बने इस भवन को अंडाकार दो कारणों से बनाया गया है पहला राजस्थान के ज़्यादातर किलों का डिज़ाइन इसी पैटर्न पर होता है। दूसरा महिला सशक्तिकरण का प्रतीक चिह्न का प्रतिरूप।बिल्डिंग की डिजाइन अंतरराष्ट्रीय आर्किटेक्चर फर्म Diana Kellog ने बनाई है। एक एनजीओ Citta Foundation की मदद से यह सब साकार हुआ है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मार्च 2021 से स्कूल में पढ़ाई शुरू होनी थी, लेकिन कोविड-19 के चलते नहीं हो पाई। आशा की जा रही है कि कोविड नियंत्रण के बाद इसी साल जुलाई में इस स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।स्कूल शुरू होने से पहले ही अपनी डिजाइन से सबको आकर्षित कर रही।
भारत-पाक के सीमावर्ती जिले जैसलमेर में इस तरह के स्कूल की कल्पना साकार होना सभी को अंचभित कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि ऐसा स्कूल जैसलमेर में होना वाकई बड़ी बात है।