इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रदेश में संक्रमण दर घटी है। कुछ समय पहले तक कोरोना संक्रमण दर 24% तक पहुँच गई थी, जो अब घटकर 11.8% हो गई है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर भी 14.8% हो गई है। पर अभी बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरतनी है, पूरी कड़ाई के साथ कोरोना के विरूद्ध जंग लड़नी है। आप सभी के सहयोग से हम मध्यप्रदेश को शीघ्र ही कोरोना मुक्त करेंगे।
बीमारी को छुपाएं नहीं बताएं, सरकार कराएगी इलाज।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण का अगर पहले पता चल जाए, तो सभी स्वस्थ हो जाते हैं। इसीलिए सर्दी, जुकाम, खाँसी, बुखार आदि किसी भी बीमारी को छुपाइये मत, बताइए हम आपका तुरंत नि:शुल्क इलाज कराएंगे।
अपनी जीवनशैली में लाएं बदलाव।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी लंबे समय तक चल सकती है, ऐसे में हर व्यक्ति को कोरोना के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। अपनी जीवन-शैली बदलनी होगी। आगे भी मास्क लगाना, एक-दूसरे से दूरी रखना, भीड़ भरे आयोजन न करना आदि सावधानियाँ बरतनी होंगी। साथ ही योग, प्राणायाम, संतुलित आहार-विहार अपनाने होंगे।
मुख्यमंत्री चौहान भोपाल में वेब कास्टिंग के माध्यम से मंत्रियों, सांसद, विधायकों, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों, कोरोना के उपचार में लगे डॉक्टर्स, स्टॉफ, शासकीय सेवकों तथा आमजन को संबोधित कर रहे थे।
कोरोना योद्धाओं को सलाम।
मुख्यमंत्री ने उन कोरोना योद्धाओं को सलाम किया, जिन्होंने जनता की सेवा में अपनी जान लगा दी। उन्होंने कहा कि हम सभी कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना बीमारी से दिवंगत हुए हर व्यक्ति के प्रति शोक व्यक्त किया तथा श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
कोई बच्चा अनाथ नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना बीमारी में अपने माँ-बाप गवाँ दिए हैं, वे अनाथ नहीं होंगे। उनकी देख-रेख मध्यप्रदेश सरकार करेगी। जब तक वे सक्षम नहीं हो जाते, उन्हें 5 हजार रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। उनकी नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें नि:शुल्क राशन भी दिया जाएगा।
कोरोना समाप्त करने के पाँच सूत्र।
मुख्यमंत्री ने जनता को अपनी कोरोना प्रबंधन रणनीति बताते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना को समाप्त करने के लिए पाँच सूत्रों आईडेंटिफाई, आयसोलेट, टेस्ट, ट्रीट तथा वैक्सीनेट अर्थात् मरीज की पहचान करना, उसे अलग करना, कोरोना की जाँच करना, कोरोना का इलाज करना तथा सभी का वैक्सीनेशन करना। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के माध्यम से संक्रमण की चेन तोड़ने का कार्य किया जा रहा है तथा किल कोरोना अभियान के माध्यम से मरीजों की पहचान व जाँच कर उनका इलाज किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर वालों तथा 45 वर्ष से ऊपर वालों का टीकाकरण भी किया जा रहा है।
टेस्टिंग हर नागरिक का अधिकार।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना का टेस्ट कराना हर नागरिक का अधिकार है। सरकार द्वारा टेस्ट की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है, जो भी चाहे कोरोना का टेस्ट कराए।
गरीबों के लिए नि:शुल्क राशन।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक गरीब के लिए पाँच माह के नि:शुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। क्राइसिस मैनेजमेंट समूह यह सुनिश्चित कर लें कि उन्हें यह राशन मिल जाए।
बिना भीड़ के हो मनरेगा, तेंदूपत्ता तुड़ाई एवं उपार्जन कार्य।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मनरेगा, तेंदूपत्ता तुड़ाई तथा उपार्जन कार्य बिना भीड़ के पूरी सावधानी बरतते हुए किया जाए। जिन गाँवों में कोरोना के 5 या अधिक मरीज हैं वहाँ मनरेगा कार्य बंद कर दिया जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 100 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन कर लिया गया है।
जिला, ब्लॉक एवं गाँव स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट समूह।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिला, गाँव एवं ब्लॉक स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट समूह बनाए गए हैं, जो कोरोना संबंधी सारी व्यवस्थाएँ देख रहे हैं। गाँव-गाँव में स्वास्थ्य समितियाँ भी बनाई जा रही हैं। एक स्वास्थ्य समिति में तीन जन-प्रतिनिधि तथा दो शासकीय सेवक रखे गए हैं।
नगर पालिका/नगर निगम में कोविड उपचार केन्द्र।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर पालिका एवं नगर निगम क्षेत्रों में कोविड उपचार केन्द्र बनाए गए हैं। कोई भी व्यक्ति वहाँ जाकर कोरोना का टेस्ट करा सकता है तथा नि:शुल्क दवाएँ एवं परामर्श प्राप्त कर सकता है।
कोरोना की नि:शुल्क उपचार व्यवस्था।
सीएम शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत प्रदेश में गरीब एवं मध्यम वर्गीय व्यक्तियों के लिए कोरोना के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। कोरोना का नि:शुल्क इलाज सभी शासकीय अस्पतालों, अनुबंधित निजी अस्पतालों तथा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संबद्ध अस्पतालों में किया जा रहा है। कोरोना के पोस्ट इफेक्ट के रूप में सामने आयी ब्लेक फंगस बीमारी की भी नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है।
कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों तथा दवाओं आदि की कालाबाजारी करने वाले 80 से ज्यादा व्यक्तियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भिजवाया गया है। इसके साथ ही मरीज से कोविड इलाज के लिए अधिक शुल्क लेने वाले अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए, उनसे लाखों रूपए जनता को वापस कराए गए हैं।
2400 स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आगामी एक माह में 2400 स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की जाएगी। इनमें 800 डॉक्टर, 800 नर्स तथा 800 टेक्नीशियन होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए 5 हजार ऑक्सीजन बेड, एक हजार आई.सी.यू बेड तथा 500 बेड्स बच्चों के लिए बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में 100 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं।
पत्रकार बंधुओं का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल मीडिया से जुड़े सभी पत्रकार, फोटोग्राफर्स, वीडियोग्राफर्स का कोरोना का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा।
फसल ऋण अदायगी तिथि अब 30 जून।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के फसल ऋण की अदायगी की तिथि को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है। प्रदेश में 10वीं बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी तथा 12वीं की परीक्षाएँ स्थगित कर दी गई हैं। राज्य सरकार शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स को एक-एक हजार रूपए दे रही है।
कोरोना कर्फ्यू में अभी ढिलाई नहीं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण निरंतर कम हो रहा है तथा कई जिलों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है, फिर भी अभी कोरोना कर्फ्यू में ढिलाई नहीं की जाएगी। हमें संक्रमण की चेन को पूरी तरह तोड़ना है। न्यूनतम संक्रमण वाले जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप आने वाले समय में कर्फ्यू खोलने के लिए फार्मूला बना लें।
पेड़ हैं ऑक्सीजन प्लांट।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को पेड़ लगाना चाहिए। मैं हर दिन एक पेड़ लगाता हूँ। पेड़ हमारे प्राकृतिक ऑक्सीजन प्लांट हैं।