इंदौर : देवी अहिल्या युनिर्वसिटी के नाम की ट्रांसस्क्रिप्ट फर्जी वेब साइट बनाने वाला आरोपी राज्य साइबर सेल इन्दौर की गिरफ्त में आ गया है।
पकड़ा गया आरोपी फर्जी वेब साइट के जरिये विदेश में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रांसक्रिप्ट भेजता था।
विवि के कर्मचारियों की मिली भगत से ही ट्रांसक्रिप्ट का यह गोरखधंधा चलाया जा रहा था।
फर्जी वेब साईट संचालित करने में एक युवती की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है।
आरोपी से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल फोन,सिम व क्रेडिट कार्ड जब्त किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक सायबर सेल इंदौर ने बताया कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर द्वारा विवि के नाम से तीन फर्जी वेबसाइट बनने एवं छात्र/छात्राओं से ट्रांसस्क्रिप्ट के ऐवज में अधिक शुल्क लेने की शिकायत दर्ज करायी गई थी। जांच में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर धारा 419/201/34 भादवि तथा 66सी/66डी आईटी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । वेबसाइट davvindoretranscrits.com की जांच में पाया गया कि वह सत्यम जोशी निवासी पूणे, महाराष्ट्र द्वारा बनायी गई है । सत्यम जोशी को सायबर कार्यालय इंदौर बुलाकर उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह इंदौर का रहने वाला है। उसने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में कंम्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग पास की है। वह पुणे में नौकरी करता है । पुणे में रहकर ही उसने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के नाम से फर्जी वेबसाइट davvindoretranscrits.com एक परिचित युवती के कहने पर बनायी थी । देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर में पढ़ाई पूरी कर चूके छात्र- छात्राओं को विदेश में जाकर पढ़ाई करने के लिए वहां की यूनिवर्सिटी में ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्युमेंट जमा करने होते है । देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत होने से आरोपी सत्यम व उसके साथी ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्युमेंट आसानी से तैयार करवाकर विदेश में यूनिवर्सिटी को पोस्ट डाक के माध्यम से भेज देते थे । विवेचना में http:// mailtranscripts.com/DAVVTranscripts.com एवं officialtranscript.in वेबसाइट चलायमान होने की जानकारी प्राप्त हुई है । जिनकी जांच की जा रही है । उनके विरूद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। अन्य सहयोगी आरोपियों की तलाश की जा रही है।