संत-महापुरुषों के सदकर्मों की सुगंध कभी नष्ट नहीं
होती, अखंड वेदांत संत सम्मेलन में संत – महात्माओं ने रखे विचार।
अखंड धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद की पुण्यतिथि पर संत सम्मेलन का समापन।
इंदौर : हमारा समाज नैतिक मूल्यों के पतन की ओर बढ़ रहा है। वेदांत वह दर्शन और चिंतन है जो मानव को महामानव बनने की ओर प्रवृत्त करता है। वेदांत की महत्ता हर युग में प्रासंगिक है। ब्रम्हलीन स्वामी अखंडानंद महाराज ने अपने तप, तेज और साधना से वेदांत को घर-घर पहुंचाया। महापुरूषों के सद्कर्मों की सुगंध कभी नष्ट नहीं होती। वेदांत का दर्शन संस्कारों की विकृति को रोकता है। संत-विद्वान चलते फिरते तीर्थ होते हैं लेकिन उनका चयन हमारे विवेक पर निर्भर होना चाहिए। संत-महापुरुषों की स्मृतियां मन के विचलन को थाम लेती हैं।
बिजासन रोड स्थित प्राचीन अखंड धाम आश्रम पर चल रहे 56वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन के समापन प्रसंग पर देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों से आए संत-विद्वानों ने मंगलवार को इन शब्दों के साथ अखंड धाम आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की 56वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि समर्पित की। गत 27 दिसम्बर से चल रहे अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. चेतन स्वरूप ने की।
इस मौके पर वृंदावन से आए महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश्वरानंद, पंचकुइया राम मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी रामगोपालदास, सारंगपुर से आई साध्वी अर्चना दुबे, भीलवाड़ा के चिन्मय धाम से आई साध्वी प्रज्ञाश्री, रतलाम से आए स्वामी देवस्वरूप, स्वामी सुजातानंद, स्वामी राजानंद, स्वामी वेदानंद, स्वामी नवचंडी महाराज सहित अनेक संत-विद्वानों ने ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद से जुड़ी यादों को ताजा किया और बताया कि संतों का जीवन कितना प्रेरक व ऊर्जावान होता है।
हजारों दीपों से की गई महाआरती।
हजारों भक्त इस अवसर पर अपने-अपने घरों से दीपों की थाली, मोमबत्तियां और छप्पन भोग लेकर आए थे। छप्पन भोग समर्पण एवं पुष्पांजलि सभा के तुरंत बाद देशभर से आए डेढ़ सौ से अधिक संतों-विद्वानों और भक्तों ने शिवोहम के उद्घोष के बीच स्वामी अखंडानंद को शिद्दत से याद करते हुए दीपांजलि समर्पित की। एक साथ हजारों भक्तों द्वारा दीपों से महाआरती का यह दृश्य देखते ही बनता था।
पुष्पांजलि सभा में वरिष्ठ समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, बालकृष्ण अग्रवाल, ठा. विजयसिंह परिहार, मोहनलाल सोनी, श्रीमती गार्गी गुप्ता (दिल्ली) आदि ने भी स्वामी अखंडानंद से जुड़े संस्मरण सुनाए। प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक किशोर गोयल, सचिन सांखला, भावेश दवे, सीए विजय गोयनका, निरंजन पुरोहित, राजेन्द्र मित्तल, सन्नी तिवारी, प्रेम विजयवर्गीय आदि ने अतिथियों एवं संत-विद्वानों का स्वागत किया। गुरुवंदना किरण ओझा ने प्रस्तुत की।पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय, भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, पार्षद संध्या यादव, पार्षद नंदकिशोर पहाड़िया एवं पार्षद अनिल गौहर सहित अनेक गणमान्य बंधु भी संतों के स्वागत के लिए उपस्थित थे। संचालन हरि अग्रवाल ने किया और आभार सचिन सांखला ने माना।