व्यक्ति की पहचान उसके कद नहीं गुणों से होती है- आचार्यश्री

  
Last Updated:  February 6, 2020 " 12:58 pm"

इंदौर : दिगम्बर जैन सन्त आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज ने गुरुवार को जैन कॉलोनी में धर्म सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा की किसी भी व्यक्ति की पहचान क़द से नहीं उसके गुणो से होती है।
आचार्य श्री ने कहा कि बड़े लोग सरल और शांत होते हैं। आचार्य कुन्दकुन्द ने समयसार में कहा है कि जो वीतराग सर्वज्ञ हितोपदेशी है, वह एक जघन्य पहचान होती है। श्रावको का कर्त्तव्य है कि साधु आप के घर आकर खड़ा हो जाता है, तो आप उनका आदर करे क्योंकि साधु फिर आगे बढ़ जाता है। गुणों की अतिश्योक्ति भी घरों में देखी जाती है, बिना गुणों के पूजता आदर, सत्कार आदि नहीं होते। जब आप लोग पढ़ेंगे न इतिहास तो जानेंगे की हमारे पूर्वजो-महापुरुषों ने क्या क्या बड़े-बड़े कार्य किये हैं।जो राष्ट्र के हित में थे। आज उन्हें दुनिया जानती है और मानती भी है। हमे इतिहास को भी कायम रखना है और कुछ काम करे या न करे लेकिन जो काम उन्होंने किया है वह बने रहे। आप लोगो के माध्यम से ही इतिहास उज्जवल होगा।
कम व्यक्ति कम संख्या से मतलब नहीं, अल्पसंख्यक होकर भी बहुत कुछ किया जा सकता है। व्यक्ति की पहचान कद से नहीं उसके गूणो से होती है। हमें इतिहास के पुराने पन्नो को पलटना चाहिए। भविष्य के पन्ने तो सिर्फ़ जोड़ दिए जाते हैं।
गुरुवार को दिल्ली, भुसावल, बगड़ी से आए समाज जन के साथ लश्करी, मोदी जी की नसिया सहित अन्य मंदिर के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री के समक्ष श्रीफल अर्पित किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मचारी सुनिल भैया ने किया। आभार संदीप गंगवाल ने माना।

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