इंदौर । विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अग्रणी शैक्षिक संस्थानों के अखिल भारतीय शैक्षिक नेतृत्व समागम के समापन के मौके पर इंदौर घोषणापत्र जारी किया गया ।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रेणु जैन व विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिरंजन अकेला ने बताया कि इस इंदौर घोषणापत्र में लिखा गया है कि -शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए हम सभी प्रतिनिधि यहाँ इंदौर में एकत्रित हुए है। हम संयुक्त रूप से आयोजित इस अंतर-संस्थागत विकास और सहयोग पर इस संवाद को आगे बढ़ाएंगे और इसे लागू करने के लिए अपने पूर्ण समर्पण, असीमित ऊर्जा और योग्य समर्थन के साथ स्वयं को इसके लिए प्रतिबद्ध करेंगे । विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (चांसलर), प्रति कुलाधिपति (प्रो चांसलर), कुलपति एवं प्रमुख प्रोफेसरों के रूप में, हम स्पष्ट रूप से इस घोषणा और इसके सिद्धांतों का समर्थन करते हैं । हम ‘प्रगति पथ के नौ आयाम’ के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा की घोषणा करना चाहते हैं । हमारे शैक्षिक संस्थानों में, हम स्पष्ट रूप से अल्पकालिक और दीर्घकालिक, प्राथमिकताओं के साथ मापने एवं प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों के संदर्भ में इसे परिभाषित करेंगे । हम संस्थानों के प्रतिनिधि के रूप में, हम उल्लिखित पथ के प्रति अपनी निष्ठा को रेखांकित करते हैं। हम आशा करते है कि हम अपने संस्थानों और आस-पास के संस्थानो में इन मूल्यों को प्रोत्साहित करेंगे। आशा है कि इन मूल्यों से सम्बंधित गतिविधियां और उससे जुड़े कार्यक्रम हम भविष्य में करते रहेंगे ।
- सुधारों की संस्कृति
- शिक्षण से अधिगम तक
- टॉप-डाउन दृष्टिकोण को बॉटम-अप दृष्टिकोण के साथ जोड़ना (उच्च से निम्न प्रणाली’ को ‘निम्न से उच्च’ प्रणाली से जोड़ना )
- सहयोगात्मक निर्णय लेना
- भारतीय ज्ञान प्रणालियों को प्रधानता
- परिणाम आधारित शिक्षा की प्रधानता
- मूल्यांकन के लक्ष्यों को पुन: परिभाषित करना
- जवाबदेही , मानदंड और सुशासन
- नेतृत्व जो परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हो ।