इंदौर : पावन सिद्धधाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग, में अनंत श्री विभूषित श्रीमदजगदगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के मंगला शासन में बुधवार, 07 सितंबर को प्रभु श्री वामन भगवान का जयंती महोत्सव आस्था व उत्साह के साथ मनाया गया।
इसके तहत प्रातः काल में वेंकटरमणा गोविंदा, श्री निवासा गोविंदा नाम जप परिक्रमा निकली। इस दौरान वैष्णव भक्तों ने नाम जप कर प्रभु का स्मरण किया।इसके बाद प्रभु का दूध दही,घी, शकर,शहद के पंचामृत के साथ केशर व फलों के जल से रजत कलशों की सहस्त्रधारा से एकांत अभिषेक किया गया।
वामन भगवान स्वरूप में दिए दर्शन।
प्रातः 11 बजे से प्रभु के भजनों का गुणगान होने लगा। दोपहर ठीक 12 बजे नारायण के पट खुले। घँटे, शंख की मधुर ध्वनि के साथ ही प्रभु ने वामन भगवान स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। भक्तों ने भी दर्शन लाभ लेने के साथ वामन माधव गोविंदा का जयघोष किया। गया। इसके बाद प्रभु वामन भगवान की श्रृंगार महाआरती और 1008 प्रभु नारायण के नामों के साथ तुलसी दल से अर्चना की गयी। भक्तजनों को श्रीपाद तीर्थ ओर गोष्टी प्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर नागोरिया पीठाधीश्वर ने भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन द्वादशी वामन जयंती के रूप में हम सभी भक्त, नारायण का उत्सव मनाते हैं। इस दिन त्रेता युग में श्रवण नक्षत्र के अभिजीत मुहूर्त में श्री हरि भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन का जन्म हुआ था।वामन भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवे और त्रेता युग के पहले अवतार थे। साथ ही वह भगवान विष्णु के पहले ऐसे अवतार थे जो मनुष्य के रूप में प्रकट हुए। जो देवी अदिति के यहां जन्में। भगवान वामन ने राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदमों में तीनों लोक नाप दिया था। इस दिन व्रत कर विधि विधान पूर्वक नारायण की पूजा अर्चना, अनुष्ठान करने से पुण्य व स्वस्थ आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही सभी पापों का नाश भी होता है।’
भजनों की दी गई प्रस्तुति।
सायंकाल में श्री वेणुगोपाल संस्कृत पाठशाला के विद्यार्थियों द्वारा प्रभु श्री वामन भगवान की सामुहिक अर्चना ॐ नमो नारायणाय के नामों से की गई स्तोत्र पाठ किये गए।रात में भजन गायक वैंकट लाहोटी ने सुमधुर भजनों की दिव्य प्रस्तुति दी।