इंदौर : मंगलवार को इंदौर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के जरिये अपनी बात रखने पहुंचे सीएम कमलनाथ के सबसे करीबी कहे जाने वाले मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को पत्रकारों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। संझा लोकस्वामी का दफ्तर सील करने, उसका प्रकाशन रोकने, प्रबन्ध संपादक जीतू सोनी, उनके परिवार व कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा दमनचक्र चलाने और मनमाने ढंग से प्रकरण दर्ज किए जाने को लेकर पत्रकारों ने श्री वर्मा के समक्ष सवालों की झड़ी लगा दी।
कार्रवाई से सरकार का लेना- देना नहीं।
पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री वर्मा ने धैर्य के साथ बिना उत्तेजित हुए सवालों को लेकर सफाई पेश की। हालांकि खुलकर जवाब देने से वे बचते नजर आए। उन्होंने जीतू सोनी का नाम लिए बगैर कहा कि इस कार्रवाई से सरकार का कोई लेना- देना नहीं है। जो पीड़ित सामने आ रहे हैं उनके आवेदन पर प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। प्रशासन की कार्रवाई सही है या गलत इसपर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
अपने बयान पर कायम हूं।
कैबिनेट मंत्री श्री वर्मा ने कुछ दिनों पूर्व संझा लोकस्वामी में हनी ट्रैप में बीजेपी नेताओं की लिप्तता को लेकर छप रहे समाचारों का समर्थन करते हुए कहा था कि उनके पाप अखबार उजागर कर रहा है। उस बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री सज्जन वर्मा का कहना था वे आज भी अपने बयान पर कायम हैं।
पत्रकारों में नहीं है एकजुटता।
मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संझा लोकस्वामी और उसके प्रबंध संपादक जीतू सोनी के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का जिम्मेदार पत्रकारों को ठहरा दिया। उन्होंने इशारों में कहा कि पत्रकारों में एकजुटता नहीं है। उनमें बिखराव के कारण ही ये सब घटित हुआ।