इंदौर : इसे नैतिक गिरावट कहें या कुछ और, अपने ही अपनों को बेसहारा कर मरने के लिए छोड़ देते हैं। 80 साल की बुजुर्ग महिला जिसका पति, बेटा और बेटी परलोक सिधार चुके हैं, उसी की सगी बहन ने ना केवल उसका मकान हड़प लिया बल्कि उसे बेसहारा लावारिस छोड़ दिया।
संस्था प्रवेश को सूचना मिलने पर उसके पदाधिकारियों ने महिला को एंबुलेंस की सहायता से एमवाय अस्पताल में दाखिल करवाया।
सिंधी कॉलोनी में एक ओटले पर पड़ी थी महिला।
संस्था की अध्यक्ष रूपाली जैन ने बताया कि सिंधी कॉलोनी गली नंबर 2 में खाली मकान के ओटले पर एक बुजुर्ग महिला, जिनकी उम्र लगभग 80 वर्ष होगी, अपना नाम गुड्डी बता रही थी। ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रही थी। कई दिनों से पड़ी हुई थी। आसपास के लोगो ने ओढ़ने को चादर और खाना दे दिया था | पड़ोस की महिला ने बताया कि बुजुर्ग महिला के पति की तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है। एक जवान बेटे की ट्रैन की चपेट में आकर मौत हो गई है। एक बेटी थी, जिसे पिता ने ही जहर देकर मार दिया था | अब इस महिला का कोई सहारा नहीं है | उक्त महिला बीती रात से बारिश में भीग कर ठिठुर रही थी। पंकज फतेहचंदानी द्वारा सुचना मिलने पर संस्था प्रवेश की अध्यक्ष रुपाली जैन ने तुरंत मौके पर अपनी टीम को भेजा | वहाँ जब देखा की महिला की हालत नाजुक है तो एम्बुलेंस बुलाकर एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया।
सगी बहन ने कर दिया घर से बेघर।
पडोसी महिला ने बताया कि बुजुर्ग महिला की सगी बहन ने उनके सब जेवर, पैसा मकान हड़प कर उन्हें ऐसे ही सड़क पर जीवन गुजारने छोड़ दिया | ऐसे असंवेदनशील लोगो को सजा मिलनी चाहिए जो ऐसी क्रूरता करने की हिम्मत करते हैं।
संस्था प्रवेश के पदाधिकारियों ने कहा कि महिला को उसका घर दुबारा दिलवाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे।