इंदौर : शहर के बिगड़े ट्रैफिक में सुधार के लिए इंदौर पुलिस अब दिल्ली के एक एनजीओ की मदद ले रही है। ट्रैक्स नामक यह संस्था देश के कई शहरों में ट्रैफिक सुधार की दिशा में अहम भूमिका निभा चुकी है। ट्रैक्स के साथ मिलकर इंदौर में पूरे एक माह तक ‘सतर्क’ यातायात जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत सोमवार को पलासिया स्थित नए पुलिस कंट्रोल रूम सभागार में सांसद शंकर लालवानी, आईजी हरिनारायणचारी मिश्र और डीआईजी मनीष कपूरिया के आतिथ्य में हुई। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी, ट्रैफिक विशेषज्ञ और यातायात जागरूकता कार्यक्रम में भागीदार बनाए गए स्कूलों के बच्चे भी इस दौरान मौजूद रहे।
ट्रैफिक रूल्स को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
आईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि देश में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां देते हैं। इंदौर में यह आंकड़ा 500 के करीब है। ऐसे में ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता बढाना और उनका अनुपालन बेहद आवश्यक हो जाता है। आईजी ने युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के साथ ट्रैफिक रूल्स को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर भी जोर दिया।
मानसिकता में लाएं बदलाव।
डीआईजी मनीष कपूरिया ने कहा कि ट्रैफिक हमारी जिंदगी से जुड़ा विषय है। सड़कों पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में ट्रैफिक इंजीनियरिंग के साथ मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। अगर बच्चों को हम यातायात नियमों के अनुपालन की सीख दी सकें तो आने वाले समय में इसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने भी अपने विचार रखे और शहर को ट्रैफिक में भी नम्बर वन बनाने का प्रयास करने की बात कही।
ट्रैफिक सुधार को लेकर दिया प्रेजेंटेशन।
इस मौके पर संस्था ट्रैक्स ने प्रेजेंटेशन के जरिए ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार से जुड़े विभिन्न तकनीकि और गैर तकनीकि पहलुओं को रेखांकित किया।
सांसद के पास नहीं था प्रेजेंटेशन देखने का समय।
संस्था ट्रैक्स द्वारा ट्रैफिक सुधार को लेकर दिए जा रहे प्रेजेंटेशन को सांसद लालवानी ने तुरत- फुरत निपटवा दिया। शायद उन्हें कहीं और जाने की जल्दी थी। ऐसे में कई महत्वपूर्ण बिंदु संस्था के पदाधिकारी पेश ही नहीं कर पाए।
स्कूल- कॉलेज के छात्रों को जोड़ा अभियान से।
संस्था ट्रैक्स ने सतर्क अभियान से 10 स्कूल और 5 कॉलेजों को जोड़ा है। इन शिक्षण संस्थानों के छात्र- छात्राओं को ट्रैफिक सुधार के पहलुओं से अवगत कराने के साथ उन्हें ट्रैफिक एम्बेसडर भी बनाया जाएगा ताकि वे अपने साथियों और शहर के लोगों को शिक्षित कर सकें।