सत्यापन से भयभीत न हों छोटे समाचार पत्र मालिक

  
Last Updated:  January 26, 2020 " 11:06 am"

कीर्ति राणा । जनसंपर्क विभाग के डायरेक्टर ओपी श्रीवास्तव प्रदेश के पत्रकारों-संपादकों आदि की समस्याएं जानने प्रदेश के दौरे पर निकले हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने इंदौर से की।जब लघु-मध्यम समाचार पत्रों की परेशानियां बताई तो उनका कहना था मप्र सरकार छोटे समाचार पत्रों की दुश्मन नहीं है।अभी जो सत्यापन की कार्रवाई संबंधी पत्र लिखे गए हैं उसका उद्देश्य लघु-मध्यम समाचार पत्रों के हितों की रक्षा करना ही है।
इंदौर प्रेस क्लब में चाय पर चर्चा के दौरान इस प्रतिनिधि ने उन्हें आगाह किया कि जनसंपर्क विभाग द्वारा जिस तरह छोटे समाचार पत्रों को पत्र लिखने के साथ भौतिक सत्यापन का दबाव बनाया जा रहा है उससे इन समाचार पत्रों के मन में छवि यह बन रही है कि सरकार एक तरफ माफिया के नाम पर कार्रवाई कर के मीडिया को धमका रही है और दूसरे इस तरह के सत्यापन की कार्रवाई से लघु-मध्यम समाचार पत्र-पत्रिकाओं को समाप्त करना चाहती है। सरकार के इस निर्णय से इन समाचार पत्रों में बढ़ रहा गुस्सा सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।
इस प्रतिनिधि द्वारा उठाए मुद्दे पर ओपी श्रीवास्तव का कहना था कि छोटे समाचार पत्र मालिक-प्रकाशक घबराए नहीं।सरकार उनकी दुश्मन नहीं है बल्कि उनके हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।यह निर्णय भी इसलिए लेना पड़ा है कि एक ही परिवार से एकाधिक अखबार (फाईल कॉपी की तरह) प्रकाशित किए जा रहे हैं, इनका मूल उद्देश्य सरकार से विज्ञापन लेना ही रहता है। सरकार का जो विज्ञापन बजट है वह सभी अखबारों-पत्रिकाओं के लिए है। ऐसे में कई छोटे अखबार वंचित रह जाते हैं।राज्य सरकार ने भौतिक सत्यापन इसीलिए कराने का निर्णय लिया है।
प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, महासचिव नवनीत शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी, सतीश जोशी, प्रदीप जोशी आदि ने उन्हें इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों की अधिमान्यता, फोटोग्राफरों को पेंशन, कार्टूनिस्ट को अधिमान्यता, इंदौर में पत्रकार कॉलोनी, संवाद नगर के बाद अब तक पत्रकारों के लिए कॉलोनी-सस्ते दर पर आवास सुविधा उपलब्ध नहीं कराने, लघु-मध्यम समाचार पत्रों की जांच आदि जैसे निर्णय से सरकार और मीडिया के बीच दरार बढ़ने जैसी चुनौती से भी अवगत कराया।उनके साथ पूरे समय रहे संयुक्त संचालक आरआर पटेल पत्रकारों-संपादकों से उनका परिचय कराने के साथ ही जनसंपर्क विभाग द्वारा इंदौर के पत्रकारों की परेशानियां हल करने संबंधी प्रकरणों से भी अवगत कराते रहे।

अखबार का सर्कुलेशन 2.78 लाख सुनकर हैरानी हुई।

चर्चा के दौरान उन्होंने कहा अभी एक अखबार का सर्कलेशन 2.78लाख होने की जानकारी मिली, सुनकर आश्चर्य इसलिए हुआ कि इतना सर्कुलेशन होने पर सभी जगह नजर आना चाहिए।अखबारों का सत्यापन होने पर सभी की सच्चाई सामने आ जाएगी। ऐसे सारे कारणों से ही कई पत्र-पत्रकाओं को विज्ञापन नहीं मिल पा रहे हैं।

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