इंदौर : अक्सर युवा पढ़ाई पूरी कर किसी न किसी नौकरी की तलाश में जुट जाते हैं। ज्यादातर माता- पिता की भी यही इच्छा होती है कि उनके पुत्र- पुत्रियां अच्छी नौकरी कर सेटल हो जाए। उच्च शिक्षा प्राप्त युवा भी सरकारी नौकरी अथवा मल्टी नेशनल कंपनी में बड़ा पद और अच्छे पैकेज की नौकरी को ही प्राथमिकता देते हैं। कम ही सही लेकिन कुछ युवा ऐसे भी होते हैं जो धारा के विपरीत जाने का साहस दिखाते हुए अपना अलग मुकाम बनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसी ही युवा उद्यमी से रूबरू करवाना चाहते हैं जिसने एक सपना देखा था खुद के दम पर कुछ करने का। अपना सपना पूरा करने की कोशिश में वह हरदम जुटी रही और आखिर उसे हकीकत का जामा पहना ही दिया।
नौकरी छोड़ सपने को पूरा करने का शुरू किया प्रयास।
हम बात कर रहे हैं इंदौर के विजयनगर निवासी वेब डिजानर उमा मुराव की। साधारण परिवार की बेटी उमा ने पढाई के बाद आम युवाओं की तरह जॉब करना शुरू किया। कंप्यूटर पर काम करने वाली उमा जॉब तो कर रही थी पर अपने बूते कुछ करने की ललक उसे चैन से बैठने नहीं दे रही थी। कुछ ही समय बाद उमा ने जॉब छोड़ दिया और अपने सपने को पूरा करने की दिशा में चल पड़ी। परिजनों ने भी उमा की इच्छा का सम्मान किया और उसे अपने सपने को हकीकत में बदलने की आजादी दी। उमा ने घर पर ही कंप्यूटर पर वेब डिजाइनिंग पर हाथ आजमाना प्रारम्भ किया। नए- नए डिजाइन बनाकर कंपनियों को, प्रोफेशनल्स को भेजना शुरू किए। शुरू में तो उनके हाथ निराशा ही लगी पर उन्होंने हार नहीं मानी और अपने प्रयास में लगी रही। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। उनकी बनाई डिजाइन लोगों को पसंद आने लगी और वेबसाइट डिजाइनिंग का पहला काम उन्हें मिल गया।
घर पर ही डाली ‘क्लिक इट’ टेक्नोलॉजिस की नींव।
उमा मुराव घर के गेराज को ही अपनी कर्मस्थली बनाया और छोटा सा दफ्तर वहां खोल लिया।
संस्थान का नाम रखा ‘क्लिक इट’ महज एक कंप्यूटर से काम शुरू कर पहले प्रोजेक्ट पर खूब मेहनत की। क्लाएंट को उमा का काम पसंद आया और उसका सपना धरातल पर उतरने लगा।
क्लाएंट को कुछ नया डिजाइन देने पर दिया ध्यान।
उमा ने क्लाएंट की मांग के अनुरूप नए- नए वेब डिजाइन बनाए और कुछ नया कर दिखाने की कोशिश की। नतीजा ये हुआ कि उमा को नए प्रोजेक्ट मिलने लगे और उसका काम चल पड़ा।
सपने को दी हौसले की उड़ान।
उमा ने अपने सपने को पूरा करने का सफर तय करते समय हौसले को कभी कमजोर नहीं होने दिया। हौसले की उड़ान ने ही उन्हें वो मुकाम हासिल करने में मदद की जो वो चाहती थीं।
सात युवाओं को दे रहीं रोजगार।
उमा मुराव आज वेब डिजाइनिंग के कई प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहीं हैं। सात युवा भी उनके काम में हाथ बंटा रहे हैं। यही नहीं उमा कई युवाओं को वेब डिजाइनिंग का प्रशिक्षण भी दे चुकी हैं। अब वे चाहती हैं कि उनके छोटे से संस्थान को वे बड़ा स्वरूप प्रदान करें और उसमें नए आयाम भी जोड़ें। वे कहती हैं की 4 साल में उन्होंने अपना छोटासा कारोबार स्थापित कर लिया है। अब समय है नया लक्ष्य तय कर उसतक पहुंचने का, उन्हें उम्मीद है कि आनेवाले समय में वे तय लक्ष्य को जरूर हांसिल करेंगी।