मारीशस और यूरोपियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि भी मिले।
मुख्यमंत्री चौहान से देश विदेश के निवेशकों ने भेंट कर निवेश की इच्छा जताई।
यूरोपियन देशों के 10 सीईओ ने की भेंट।
अफसरों ने नहीं युवाओं ने बनाई है स्टार्ट अप पॉलिसी।
इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि टेक्सटाइल, नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, फार्मा, स्वास्थ्य, स्टार्टअप सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रोत्साहनकारी नीति लागू की है। इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्राप्त प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए पूरी मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान समिट के पहले दिन के तृतीय सत्र में विभिन्न निवेशकों से पृथक-पृथक चर्चा कर रहे थे। इस दौरान ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में आए देश-विदेश के विभिन्न निवेशकों ने मुख्यमंत्री चौहान से भेंट कर अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई। इस अवसर पर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव उपस्थित थे।
एमओयू होगा विश्वास का पुल।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक सेक्टर में उद्योग स्थापना के लिए राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने मॉरीशस के वित्त मंत्री डॉ. आर पदयाची के नेतृत्व में भेंट करने आए प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि आप एमओयू तैयार करें। यह एमओयू मात्र दस्तावेज न होकर दोनों देशों के मध्य विश्वास का पुल होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने जी-20 सम्मेलन के माध्यम से भी विभिन्न राष्ट्रों के आपसी सम्पर्क में प्रगाढ़ता और परस्पर सहयोग के प्रति आशा जताई।
स्टार्टअप के लिए नौजवानों को भरपूर मदद।
मुख्यमंत्री चौहान ने यूरोपियन समुदाय के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश स्टार्टअप के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। इंदौर शहर युवाओं को स्टार्टअप में प्रोत्साहित करने का केन्द्र बना है। मध्यप्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति तैयार की, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री मोदी ने किया। प्रधानमंत्री का कहना है कि कार्य के लिए यही समय, सही समय है। सिर्फ एक वर्ष में 2500 से अधिक स्टार्टअप सफलता के मार्ग पर बढ़े हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि राज्य की स्टार्टअप नीति अफसरों ने नहीं, नौजवानों ने ही बनाई। युवाओं को इस क्षेत्र में पूरी मदद की जा रही है। यूरोपियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों में स्पेन, पौलेंड और डेनमार्क के 10 सीईओ भी शामिल थे।
ये भी हैं निवेश के इच्छुक।
मुख्यमंत्री श्री चौहान से एपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमेन नरेन गोयनका, बोत्सवाना दक्षिण अफ्रीका के चौपीस इंटरप्राइजेस के रामचंद्रन ओटापथ्थू, आर जी फूड्स केरल के विष्णु आर.जी, वंडर ला हॉलीडेज लिमिटेड कर्नाटक के के. उल्लास कामथ, यश टेक्नोलॉजी के कीर्ति बाहेती, प्रखर साफ्टवेयर दिल्ली के जॉर्ज कुरूविला, नाहर स्पीनिंग मिल के दिनेश ओसवाल, आईकिया इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के मोहित बंसल, आर सिस्टम इंटरनेशनल के प्रतिनिधि, हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के डॉ. विवेक गुप्ता, टीवीएस मोटर्स के प्रतिनिधि, टाटा समूह के प्रतिनिधि और अमूल ग्रुप के प्रतिनिधि भी मिले। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कार्य के लिए रालसन समूह ने रूचि व्यक्त की।