इंदौर : राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 101 वीं जयंती सोमवार को बीजेपी नेता व कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ मनाई। इस मौके पर भाजपा कार्यालय के पास स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।
सहजता, सरलता और संवेदनशीलता का संगम थीं राजमाता।
इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राजमाता सरलता, सहजता और संवेदनशीलता की त्रिवेणी थी। वे जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य रही। विजयाराजे सिंधिया कई बार भारतीय संसद के दोनों सदनों में चुनी गई। वे विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति आजीवन अडिग रही। स्व. इंदिरा गांधी ने उन पर प्रभाव व दबाव डाला लेकिन उन्होंने इंदिराजी से कहा कि मैं जनसंघ की विचारधारा को कभी नहीं छोडूंगी। राजमाता ने कहा मैं जेल जाना पसंद करूंगी, लेकिन आपातकाल जैसे काले कानून का कभी भी समर्थन नहीं करूंगी। वे आपातकाल में 19 महीने तक जेल में रही।
वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद कृष्णमुरारी मोघे ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय थी। एक प्रमुख भारतीय राजशाही व्यक्तित्व के साथ-साथ वे एक राजनीतिक व्यक्तित्व भी थी। उनके जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सौ रुपए का सिक्का का अनावरण किया गया है। जिस पर राजमाता सिंधिया का फोटो अंकित है।
इस मौके पर मंत्री तुलसीराम सिलावट, संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, प्रदेश उपाध्यक्ष सुदर्शन गुप्ता, विधायक आकाश विजयवर्गीय, मधु वर्मा, जे पी मूलचंदानी, सुमित मिश्रा, नानूराम कुमावत, जयंत भिसे, अभिषेक बबलू शर्मा, मुकेश मंगल, शैलजा मिश्रा, ज्योति तोमर, देवकीनंदन तिवारी, ज्योति पंडित, शालिनी शर्मा, तुलसी प्रजापत, रचना गुप्ता, रेणुका प्रताप, मनोज पाल, कंचन गिदवानी, बबीता राठौर, अनीता व्यास, अश्विनी शुक्ला, सरोज तंवर, मोहन राठौर, कृष्णकांत रोकड़े, बबली तलरेजा, मालती डागोर, संतोष चौधरी सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी राजमाता विजयराजे सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उन्हें नमन किया।