उज्जैन : महाकाल मंदिर में मंगलवार शाम हुई प्रबंध समिति की बैठक में सदस्यों ने महाशिवरात्रि से पहले कई निर्णय लिए। समिति ने महाकाल दर्शन के लिए वीआइपी दर्शनार्थियों के लिए लागू किए गए 100 रुपए के शुल्क को समाप्त कर दिया है। साथ ही वीआइपी प्रवेश के लिए कुछ शर्तें भी लागू की हैं। आम भक्तों को सप्ताह के चार दिन गर्भगृह से दर्शन कराने पर भी सहमति बनी है। समिति ने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
बैठक कलेक्टर आशीषसिंह की अध्यक्षता में हुई। प्रबंध समिति ने प्रोटोकाल (वीआइपी) का दायरा सीमित करते हुए 100 रुपए शुल्क को समाप्त कर दिया है। अब प्रोटोकाल के तहत आने वाले सदस्यों को सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। ये भी बताया गया कि किसी संस्था से निर्धारित संख्या से अधिक श्रद्धालु आने पर शुल्क लगेगा। मन्दिर के पुजारी व पुरोहित 15 सौ की रसीद कटवाने पर दिन में तीन बार गर्भगृह में जलाभिषेक करवा सकेंगे।
21 फरवरी से मनाया जाएगा शिव नवरात्रि महोत्सव।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 21 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव मनाया जाएगा। पुजारी कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित शिव और पार्वती को हल्दी लगाएंगे। चंद्रमौलेश्वर, कोटेश्वर व भगवान रामेश्वर के पूजन के बाद गर्भगृह में अनुष्ठान होगा। नौ दिन तक पूजन के विशेष अनुक्रम से भोग आरती व संध्या पूजन का समय बदलेगा।