देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में किया गया कार्यक्रम का आयोजन।
इंदौर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के आदेशानुसार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) इंदौर के दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र (डीडीयूकेके) इंदौर द्वारा साइबर-सुरक्षा पर आधारित एक अंडर ग्रेजुएट विशेष कोर्स मध्य प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर शुरू किया गया है। इसके तहत राष्ट्रीय स्तर के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रोफेसर गौरव रावल ने स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के रामानी हॉल में “साइबर क्राइम एवं साइबर लॉं” विषय पर एक विशेष सत्र आहूत किया गया। इसमें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र की निदेशक डॉ. माया इंगले सहित यूनिवर्सिटी स्टॉफ और सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग की निदेशक डॉ. माया इंगले ने प्रो. गौरव रावल का परिचय एवं स्वागत करते हुए उन मुद्दों पर प्रकाश डाला जिनका सामना वर्तमान समय में विद्यार्थी ऑनलाइन दुनिया में अक्सर करते हैं।
प्रो. गौरव रावल ने अपना सत्र साइबर अपराध और इसके प्रकारों की जानकारी देने के साथ शुरू किया। उन्होंने छात्रों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता पहलुओं की रोकथाम के बारे में बताया। सोशल मीडिया के खतरों और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 पर चर्चा की।
साइबर खतरों से कराया अवगत।
प्रो. रावल ने साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से जूझने में भारतीय कानून और सुरक्षा एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों को बहुत गहराई से समझाया। उन्होंने साइबर क्राइम में नवीनतम साइबर खतरों, जैसे साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग के साथ ही ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी पर भी चर्चा की। छात्रों ने आईटी अधिनियम 2008 की धारा 67 और आईपीसी के तहत 354-डी, 507 और 509 जैसी विभिन्न धाराओं के बारे में जानकारी हासिल की और साइबर चोरों से खुद को कैसे सुरक्षित कर सकते हैं, इसके गुर सीखे।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के साथ साइबर अपराध होता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस, क्राइम ब्रांच या साइबर पुलिस को इसकी सूचना दें। या ww.cybercrime.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्ट करें। प्रो. रावल ने छात्रों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। कार्यक्रम का संचालन अंशिका जैन ने किया।