भोपाल: चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए 72 घंटे के बैन के बाद बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने आयोग के समक्ष पुनर्विचार का आवेदन पेश किया है। उन्होंने बैन की अवधि घटाकर 12 घंटे करने का आग्रह किया है। साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे और राममंदिर मामले में दिए गए बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने उनपर 72 घंटे का बैन लगाया है। कांग्रेस ने इस मामले में आयोग को शिकायत दर्ज कराई थी। बैन के दौरान साध्वी प्रज्ञा किसी भी तरह से प्रचार नहीं कर पाएंगी।
बैन के बाद बदली रणनीति..।
तीन दिन के बैन के बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। इसके तहत साध्वी प्रज्ञा, योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर मंदिर- मंदिर घूमकर दर्शन- पूजन में शामिल होने के साथ लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है वहीं बीजेपी ने इमोशनल कार्ड खेला है। उसके कार्यकर्ता घर- घर जाकर पर्चे बाट रहे हैं जिनमें साध्वी प्रज्ञा को जेल में रहते दी गई यातनाओं का जिक्र है। इसके जरिये खासकर महिला मतदाताओं की सहानुभूति पाने की कवायद की जा रही है।
कांग्रेस को हो सकता है नुकसान..।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि साध्वी प्रज्ञा पर तीन दिन का बैन कांग्रेस के हित में नहीं है। वह बीजेपी की उस चाल में फंसती जा रही है जो मतों के ध्रुवीकरण पर आधारित है। विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस को साध्वी प्रज्ञा से ध्यान हटाकर अपने मुद्दों को आगे लाना चाहिए। कोशिश यही होनी चाहिए कि बीजेपी को मुद्दों पर घेरा जाए। अगर वह ऐसा नहीं कर पाती है तो उसके प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की राह मुश्किल हो सकती है।