सानंद के मंच पर भारतीय इतिहास के कालजयी व्यक्तित्व ‘चाणक्य’ पर केंद्रित नाटक का मंचन

  
Last Updated:  October 20, 2024 " 08:00 pm"

इंदौर : अखंड भारत का स्वप्न देखने वाले एक संघर्षशील शिक्षक की अद्भुत गाथा पर केंद्रित मराठी नाटक ‘चाणक्य’ का सानंद के मंच पर विवि के खंडवा रोड स्थित सभागार में किया गया। नाटक में मराठी रंगमंच और टीवी सीरियल्स के ख्यात अभिनेता शैलेश दातार के यादगार अभिनय ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। सानंद न्यास के पांच दर्शक समूहों के लिए नाटक ‘चाणक्य’ के पांच शो मंचित किए गए।

90 के दशक से आचार्य चाणक्य पर अब तक कई हिंदी टीवी सीरियल्स आ चुके हैं। लोगों को चंद्रप्रकाश द्विवेदी और मनोज जोशी द्वारा अभिनीत किए गए चाणक्य के किरदार याद हैं, लेकिन मराठी रंगमंच पर अभिनेता शैलेश दातार ने सवा दो घंटे के नाटक में अपने अभिनय से इस कालजयी व्यक्तित्व के किरदार को जिस अनूठे तरीके से साकार किया वो देखना एक अद्भुत अनुभव है।शैलेश दातार का नाटक में साथ देने वाले अन्य कलाकार थे ऋषिकेश शिंदे, नील केळकर, प्रसाद माळी, संजना पाटिल, विक्रांत कोळपे और जितेंद्र आगरकर।

नाटक में आठ अलग-अलग लोकेशंस बताईं गई हैं, इसके चलते नेपथ्य कलाकार संदेश बेंद्रे के समक्ष बड़ी चुनौती थी लेकिन संदेश बेंद्रे ने इस चुनौती को सफलता के साथ निभाया। उनका नेपथ्य देखने लायक था। नाटक के निर्देशक प्रणव जोशी ने चाणक्य की महागाथा को प्रभावी ढंग से रंगमंच पर उतारा। पूरे नाटक में उन्होंने कहीं भी अपनी निर्देशकीय पकड़ ढीली नहीं होने दी। करीब ढाई हजार वर्ष पुराने माहौल व परिवेश को 2024 में प्रस्तुत करना बेहद साहसी और दुष्कर कार्य था। शैलेश दातार और प्रणव जोशी की जोड़ी ने इसे बखूबी पूरा किया। नाटक के कई प्रसंग तो ऐसे थे जो सीधे वर्तमान परिवेश में भी प्रासंगिक हैं।

ये थे रंगमंच के पीछे के कलाकार।

मूळ लेखक-मिहिर भुता, नाट्य रूपांतर – शैलेष दातार, प्रकाश योजना – राहुल जोगळेकर, संगीत- निनाद म्हैसाळकर, सूत्रधार-दीपक गोडबोले,निर्माता – सुहास दातार, हरिहर केशव म्हैसकर और प्रसाद व्यवहारे।

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