इंदौर:भारतीय संस्कृति के चार आधारभूत सिद्धांत धर्म, अर्थ , काम और मोक्ष हैं।हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षों की तपस्या और साधना से हमे इसी आधार पर अनेक धर्म ग्रंथ दिए जिसमें प्रमुख रूप से वेद है। हमारे पास ज्ञान का असीम भंडार है , हम उन्नति के शिखर को छू रहे हैं लेकिन उतनी ही तेजी से हमारा सामाजिक पतन भी हो रहा है । वर्तमान में आवश्यकता है कि हम हमारे संस्कृति के जो चार आधार हैं उन्हे ध्यान में रखते हुए समाज का पुनर्गठन करे और जो अव्यवस्था हो रही है उसके कारणों पर पुनर्विचार करें। तभी हमारा देश ज्ञान विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में विश्व गुरु बनेगा।
उक्त विचार सदगुरु अण्णा महाराज ने गुरु पोर्णिमा के अवसर पर अपने शिष्यों और भक्तों को दिए आशीर्वचन में व्यक्त किए ।
पलसीकर कॉलोनी स्थित श्री दत्त माउली सदगुरु अण्णा महाराज संस्थान में गुरु पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर अण्णा महाराज ने व्यक्त किए। संस्थान में श्रद्धा और उत्साह के साथ गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया । गुरु का आशीष प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इंदौर शहर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान से भी अनेक भक्त यहां गुरु दर्शन के लिए उपस्थित हुए । मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक मालिनी गौड़, सत्यनारायण पटेल, एम आय सी सदस्य अभिषेक बबलू शर्मा, पार्षद प्रशांत बडवे, सुरेश टाकलकर सहित अनेक नेताओं ने भी यहां पहुंचकर गुरु की चरण वंदना की। पाद्य पूजन के साथ गुरुदेव की 108 दीपकों से आरती भी की गई।
हजारों लोगों ने देर रात तक कतारबद्ध हो दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।