इंदौर : संस्कृति केवल इंसानों की होती है, पशुओं की नहीं। भारतीय संस्कृति बहुत व्यापक और गहरी है। घर- परिवार से लेकर समाज और राष्ट्र में इसके दर्शन होते हैं। देश के विभिन्न अंचलों में अभी भी अनेक कुरीतियां विद्यमान हैं। संत सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठाने और समाज को चैतन्य बनाने की पहल अनुकरणीय है।
ये विचार युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरी महाराज ने व्यक्त किये। वे बिजासन रोड स्थित अखंड धाम आश्रम में चल रहे अभा अखंड वेदांत सन्त सम्मेलन में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को समृद्ध और सुसंस्कृत बनाने के लिए हर माध्यम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सम्मेलन में स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, स्वामी जगदीश्वरानंद, स्वामी ज्योतिर्मयानंद, सद्गुरु अण्णा महाराज, स्वामी वितरागानंद आदि संतों ने भी अपने विचार रखे।
संतों के लिए स्वास्थ्य शिविर।
संत सम्मेलन को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने की कवायद के तहत रविवार को संतों के लिए स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी चैतन्य स्वरूप और डॉ. अतीक बांगानी के सान्निध्य में सम्पन्न हुए इस शिविर में 240 साधु- संतों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें दवाइयां भी वितरित की गई। शिविर में डॉ. राहुल शर्मा, डॉ.निर्मल महाजन, डॉ. वैभव और उनकी टीम ने अपनी सेवाएं दी।
आयोजन समिति की ओर से देवकृष्ण सांखला, हरि अग्रवाल, दीपक जैन, रज्जू पंचोली, किरण ओझा, पुष्पा यादव, सरस्वती पेंढारकर, कल्याण बाबा, एनके अवस्थी और ठाकुर लालसिंह ने संतों और चिकित्सकों का स्वागत किया।
संत सम्मेलन में सोमवार को सायबर क्राइम से बचने के उपायों की जानकारी एएसपी प्रशांत चौबे देंगे। यह कार्यक्रम शाम 4 बजे होगा। इसमें स्कूल- कॉलेज के विद्यार्थियों को खासतौर पर आमंत्रित किया गया है।