इंदौर : उपचुनाव लड़ रहे दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का मंत्री पद मतदान के पहले ही छीन जाएगा क्योंकि उनका कार्यकाल 20 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। 21 अक्टूबर से वे मंत्री पद पर नहीं रह सकेंगे। दोनों नेताओं ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। दोनों ही विधायक के पद पर नहीं हैं। नियमों के अनुसार कोई भी ऐसा व्यक्ति जो विधानसभा का सदस्य न हो अधिकतम 6 माह तक मंत्री पद पर रह सकता है। 6 माह में यदि वह विधायक का चुनाव नहीं जीत पाता है तो उसे मंत्री पद छोड़ना पड़ता है। ऐसे में अब दोनों नेता केवल 19 दिन के मंत्री हैं। उपचुनाव में अगर दोनों जीत दर्ज कर विधायक बनते हैं तो ही वे दुबारा मंत्री बन सकते हैं। हारने की दशा में उनका राजनीतिक करियर दांव पर लग सकता है।
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