सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईटी एक्ट की धारा 66A

  
Last Updated:  July 19, 2020 " 04:35 am"

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66A को संविधान के अनुच्छेद 19(1) A का उल्लंघन बताते हुए उसे रद्द कर दिया है। जो भारत के हर नागरिक को “भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार” देता है। कोर्ट ने कहा, धारा 66A अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का हनन है।
अदालत के आदेश के बाद अब फेसबुक, ट्विटर, लिंकड इन, व्हाट्स एप सरीखे सोशल मीडिया माध्यमों पर कोई भी पोस्ट डालने पर किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी।
इससे पहले धारा 66A के तहत पुलिस को ये अधिकार था कि वो इंटरनेट पर लिखी गई बात के आधार पर किसी को गिरफ्तार कर सकती थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में आईटी एक्ट की धारा 66A को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता श्रेया सिंघल ने इस फैसले को बड़ी जीत बताते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को कायम रखा है।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *