नई दिल्ली : ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत व निकाय चुनाव को लेकर लगाई गई रिव्यू पिटिशन में सुप्रीम कोर्ट से शिवराज सरकार को बड़ी राहत मिल गई है। सरकार की दलीलें के सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी रिजर्वेशन के साथ प्रदेश में निकाय चुनाव करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि 50 फीसदी से अधिक रिजर्वेशन नहीं होना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी रिजर्वेशन के चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। शिवराज सरकार ने इसके बाद कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई थी। इसी पर कोर्ट का फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के अंदर ही चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के निर्देश के बाद यह साफ हो गया है कि त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को रिजर्वेशन मिलेगा। वहीं, कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा। कोर्ट के निर्देश प्राप्त होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी करेगी। साथ ही रिजर्व सीटों का चयन किया जाएगा।
गौरतलब है कि ओबीसी को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की गई थी। इस पर 17 मई को भी सुनवाई हुई थी। सरकार ने ओबीसी को आरक्षण देने के लिए 2011 की जनसंख्या के आंकड़े कोर्ट में प्रस्तुत किए थे। इसके अनुसार प्रदेश में ओबीसी की आबादी 51 फीसदी है। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण देने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद बीजेपी खेमे में खुशी की लहर है। निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण देकर शिवराज सरकार मिशन 2023 को साधेगी।