सरकार की एल आय सी के विनिवेश नीति का होगा पुरजोर विरोध।
इंदौर : मप्र और छत्तीसगढ़ के जीवन बीमा कर्मचारियों के संगठन सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन का 11 वा महाअधिवेशन 11 से 14 दिसंबर 2022 तक इंदौर के साउथ तुकोगंज स्थित पंजाब अरोडवंशी भवन में होने जा रहा है। इंदौर की मंडल इकाई इंश्योरेंस एम्प्लॉयज यूनियन की मेजबानी में आयोजित इस अधिवेशन में मप्र व छत्तीसगढ़ की 140 शाखा इकाइयों के करीब 300 प्रतिनिधि और प्रेक्षक भाग लेंगे।
सेंट्रल जोन इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन के अध्यक्ष एन चक्रबर्ती, महासचिव डॉ. डी आर महापात्र और इंदौर डिवीजन के अध्यक्ष अनिल सुरवाड़े ने प्रेस वार्ता के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिवेशन का शुभारंभ अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अशोक धवले करेंगे। ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लॉयज एसोसिएशन के महासचिव कॉमरेड श्रीकांत मिश्रा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष कॉमरेड वी रमेश, पूर्व अध्यक्ष अमानुल्ला खान, और उपाध्यक्ष बी सान्याल विशिष्ट अतिथि के बतौर मौजूद रहेंगे।
पहले दिन होगी रैली व आमसभा।
श्री महापात्र ने बताया कि अधिवेशन के पहले दिन 11 दिसंबर को एलआईसी के मंडल कार्यालय के पास से दोपहर एक बजे रैली निकाली जाएगी जो पंजाब अरोड़वंशी भवन पहुंचकर आमसभा में तब्दील हो जाएगी। ये रैली एल आय सी, जनरल इंश्योरेंस और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व सांप्रदायिकता के खिलाफ होगी।
श्री चक्रबर्ती और महापात्र ने बताया कि तीन दिवसीय अधिवेशन के दौरान एलआयसी के विनिवेश का पुरजोर ढंग से विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एल आय सी की कुल परिसंपत्ति का मूल्य 42 लाख करोड़ रुपए है। 28 लाख करोड़ का निवेश एल आय सी ने सरकारी प्रतिभूतियों और अन्य क्षेत्रों में कर रखा है। एल आय सी 36 करोड़ पॉलिसी धारकों का विशाल समूह है। एक लाख चार हजार कर्मचारी इसमें काम करते हैं। भारत सरकार का एल आय सी में निवेश केवल 5 करोड़ रुपए है, बावजूद इसके सरकार, एल आय सी के विनिवेश पर आमादा है। विरोध के बावजूद उसने एल आय सी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कर इसके 3.5 फीसदी हिस्से को राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए बाजार में बेच दिया है। सरकार का प्रयास इसे 49 फीसदी तक ले जाने का है, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। चक्रबर्ती और महापात्र ने कहा कि एल आय सी गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों का सुरक्षा कवच है, जिसे सरकार छीनना चाहती है। हम इसका विरोध करते हैं।