विश्व संवाद केंद्र के सोशल मीडिया कॉन्क्लेव में कई वक्ताओं ने रखे विचार
इंदौर: विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा रविवार को सोशल मीडिया कॉन्क्लेव का आयोजन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के खंडवा रोड स्थित सभागृह में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि/वक्ता के रूप में सुशांत सिन्हा, मेजर सुरेंद्र पुनिया, डॉ.गौरव प्रधान,अंशुल सक्सेना,सुनील न्याति,विनीत नवाथे उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं वंदे मातरम् के गान से हुआ। आयोजकों की ओर से अतिथियों का स्वागत किया गया। कॉन्क्लेव की प्रस्तावना विनीत न्वाथे ने रखी। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में सोशल मीडिया का महत्व बढ गया है। सोशल मीडिया में किसी विषय या घटना पर पहली प्रतिक्रिया ही ट्रेण्ड सेटर होती है। इसकी ताकत का सही इस्तेमाल करने वाला विजेता हो सकता है। भारत आज जाग गया है, मगर शत्रु अभी समाप्त नहीं हुए हैं।
नवाथे ने कहा कि सोशल मीडिया ही सब कुछ नहीं है पर सोशल मीडिया बहुत बडी ताकत अवश्य बन गया है।
सेना में इनफॉर्मेशन वार फेअर कमांड स्थापित हो।
मेजर सुरेंद्र पुनिया ने अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया अब वार फेअर का हिस्सा बन गया। आपके बीच ही बैठा व्यक्ति कोई एजेंडा सेट कर देता है और आप उसे सच मानने लगते हैं। ऐसे में हमें सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की ताकत को देखते हुए सेना में भी इनफॉर्मेशन वार फेअर कमांड स्थापित करने पर गभीरता से विचार किया जाना चाहिए। मेजर पुनिया ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का नहीं सेना का अपमान किया। यही काम उन्होंने कोविड काल में भी किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता अपनी जगह है पर उसे इतने निचले स्तर तक नहीं ले जाया जाना चाहिए।
2014 के बाद हुए सकारात्मक बदलाव।
ख्यात टीवी पत्रकार सुशांत सिन्हा ने कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए कहा कि 2014 के बाद पत्रकारिता और राजनीति में सकारात्मक बदलाव हुए हैं। पहले राष्ट्र प्रथम वाली भावना नदारद थी जो अब नजर आने लगी है। विदेशों में भारत और भारतीयों का अब सम्मान बढ़ा है।
उद्घाटन सत्र के बाद कॉन्क्लेव में लेफ्ट वर्सेस राइट विंग पॉलिटिक्स, फेमिनिज्म के सही मायने सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा सत्र आयोजित किए गए।