ग्वालियर : शहर के फूलबाग गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधाकृष्ण का श्रृंगार करीब 100 करोड़ रुपए के अधिक की ज्वैलरी से किया गया है। सिंधिया राजवंश के ये प्राचीन जेवरात मध्यभारत सरकार के समय गोपाल मंदिर को सौंप दिए गए थे। इस बेशकीमती ज्वैलरी में हीरे और पन्ना जड़ित जेवरात भी हैं। ज्वैलरी को हर साल जिला कोषालय से कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर लाया जाता है। ज्वैलरी की लिस्टिंग के बाद उनका वजन किया जाता है। गंगाजल से धोने के बाद भगवान को पहनाए जाते हैं।सुरक्षा के लिए यहां 200 से अधिक पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।
ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु।
कोरोना संकट के चलते इस बार मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। भगवान के दर्शन फेसबुक लाइव के जरिए कराए जा रहे हैं। निगमायुक्त संदीप माकिन के अनुसार 12 अगस्त को सुबह बैंक के लॉकर से भगवान के गहने निकालकर उनका श्रृंगार किया गया। गहनों की सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों की तैनाती तो की ही गई है, साथ ही सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी इनकी निगरानी की जा रही है।
रात में ही जमा कराए जाएंगे कोषालय में।
12 अगस्त को रात 12 बजे कृष्ण जन्म के बाद ही इन जेवरातों को ट्रेजरी खुलवाकर उसमें रखवा दिया जाएगा। दूसरे दिन सुबह इन्हें दोबारा से बैंक के लॉकर में रखवा दिया जाएगा।
सौ करोड़ कीमत के हैं गहने।
सिंधिया रियासत द्वारा बनवाए गए इस मंदिर में राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं के लिए बहुमूल्य रत्नों से जड़ित सोने के जेवरात हैं। एंटीक होने के कारण इनका बाजार मूल्य सौ करोड़ से अधिक आंका जाता है।
आजादी से पहले से चली आ रही है परंपरा।
गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा को इन ज्वैलरी से सुसज्जित करने की परंपरा आजादी के पूर्व से है। उस समय सिंधिया राजपरिवार के लोग व रियासत के मंत्री, दरबारी व आम लोग जन्माष्टमी पर दर्शन को आते थे। उस समय भगवान राधाकृष्ण को इस ज्वैलरी से सजाया जाता था। आजादी के बाद मध्यभारत की सरकार में गोपाल मंदिर, उससे जुड़ी संपत्ति जिला प्रशासन व निगम प्रशासन के अधीन हो गई। नगर निगम ने इस ज्वैलरी को बैंक लॉकर में रखवा दिया। वर्षों तक ये लॉकरों में रखे रहे। इसके बाद साल 2007 में डॉ. पवन शर्मा ने निगमायुक्त की कमान संभाली। उन्होंने निगम की संपत्तियों की पड़ताल कराई, उसमें इस ज्वैलरी की जानकारी मिली। उसके बाद तत्कालीन महापौर विवेक शेजवलकर और निगमायुक्त ने गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं को इस ज्वैलरी से श्रृंगारित करने की परंपरा शुरू कराई। उसके बाद से तत्कालीन आयुक्त इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।
फूलबाग स्थित राधा-कृष्ण मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। हर साल यहां जन्माष्टमी पर करीब 2 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। लेकिन इस बार भगवान ऑनलाइन दर्शन देंगे।
कैमरों से होगी निगरानी।
गोपाल मंदिर में आभूषणों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
(ये खबर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।)