मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में होगा मजदूरों के हित मजदूरों को समर्पित कार्यक्रम’, वर्चुअल रूप से शामिल होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
428 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का होगा भूमि पूजन एवं लोकार्पण।
इंदौर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को इंदौर प्रवास पर रहेंगे। वे यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित किया जा रहे ‘मजदूरों के हित, मजदूरों को समर्पित कार्यक्रम’ में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से जुड़ेगे और हुकुमचंद मिल के मजदूरों से संवाद करेंगे। यह कार्यक्रम इंदौर के नंदा नगर क्षेत्र स्थित कनकेश्वरी धाम में 25 दिसंबर को प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगा। इस अवसर पर हुकुमचंद मिल मजदूरों के तीस वर्ष से लंबित प्रकरण में 4 हजार 800 श्रमिकों को राहत मिलेगी और उनके परिवारों के लगभग 25 हजार सदस्य लाभान्वित होंगे। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा उक्त कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। कार्यक्रम के सफल एवं सुगम संचालन हेतु जिला प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी भी निर्धारित कर दी गई हैं।
322 करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन, 105 करोड़ के विकास कार्यों का होगा लोकार्पण।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 8 विभागों के कुल 71 कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इन विकास कार्यों की कुल लागत 105.73 करोड़ हैं। इसी तरह 3 विभागों के विकास कार्यों का भूमिपूजन/शिलान्यास भी किया जाएगा जिनकी कुल लागत 322.85 करोड़ हैं। कार्यक्रम स्थल पर विकसित भारत संकल्प यात्रा कैंप का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से केन्द्र की महत्वपूर्ण योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित करेंगे। वे 175 दिव्यांगजनों को रेट्रोफिटेड स्कूटी का वितरण भी करेंगे। इसी के साथ ही रेडक्रॉस में डोनेशन हेतु रेडक्रॉस एप का भी शुभारंभ इस अवसर पर किया जाएगा।
पिछले 30 वर्षों से लंबित प्रकरण के समझौता प्रस्ताव को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदान की स्वीकृति।
बता दें कि हुकुमचंद मिल 70 वर्ष सफलता पूवर्क चलने के बाद 1992 में बंद हो गई थी। मिल मजदूर और बैंकों की देनदारियां 30 वर्षों तक न्यायालय एवं अन्य प्रक्रिया में लंबित रही। राज्य शासन ने पहली बार 2022 में पहल की और गृह निर्माण मंडल को समझौता कर, राशि भुगतान का उत्तरदायित्व दिया गया। एक वर्ष के अंदर सभी दावेदारों के साथ समझौता सुनिश्चित कराया गया और श्रमिक यूनियन के साथ भी सहमति सहित समझौता हुआ। उच्च न्यायालय ने समझौता प्रस्ताव को सहमति दी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 19 दिसम्बर 2023 को स्वीकृति प्रदान की तथा 20 दिसम्बर को उच्च न्यायालय में राशि जमा कर दी गई।