इंदौर: जिंदगी का सफर आसान नहीं है, नाकामयाबी जिंदगी का पूर्णविराम नहीं है।
हौसले को परवाज देनेवाली ऐसी ही कविताओं को वरिष्ठ पत्रकार शशीन्द्र जलधारी ने अपनी नई पुस्तक में संजोया है। इस काव्य संग्रह का विमोचन रविवार को इंदौर प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में किया गया।
उद्योगपति और तवलीन फाउंडेशन के संस्थापक गुरमीत सिंह नारंग कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता साहित्यिक पत्रिका वीणा के संपादक राकेश शर्मा ने की। कवि और प्रोफेसर राजीव शर्मा विशेष अतिथि के बतौर मौजूद रहे। श्री जलधारी का यह 9 वा काव्य संग्रह है। ‘कामयाब जीवन’ शीर्षक से लिखे इस कविता संग्रह में उनकी अपनी जिंदगी के संघर्ष, अनुभव और बीमारी से लड़ने का जज्बा प्रतिबिम्बित होता है। इसीलिए वो कहते हैं, जिंदगी रुकने नहीं चलने का नाम है। श्री जलधारी ने इस मौके पर अपनी काव्य रचनाओं का भी पाठ किया।
प्रोफेसर राजीव शर्मा ने ‘कामयाब जीवन’ की व्याख्या करते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया के दौर में कविताएं लिखकर उनको पुस्तक का रूप देना सराहनीय कार्य है। उन्होंने 9 के अंक की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि जलधारीजी की भी ये 9 वी कृति है। इस मायने में ये सर्वश्रेष्ठ है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरमीत सिंह नारंग ने कहा कि जीवन की सार्थकता दूसरों को मदद पहुंचाने में है। इतिहास उन्हीं को याद रखता है जिन्होंने समाज की भलाई के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। श्री नारंग ने कहा कि उनका अपना अब कोई भी इस दुनिया में नहीं है। वे अपनी फैक्ट्री भी बंद कर देना चाहते थे लेकिन उसपर 150 परिवार आश्रित थे इसलिए उन्होंने अपना इरादा बदल दिया।श्री नारंग ने जलधारीजी की जीवटता की सराहना करते हुए कहा कि उनके इसी जज्बे में कामयाब जीवन का मूलमंत्र छुपा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार राकेश शर्मा ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने तुलसी और कबीर के दोहों के जरिये जीवन के दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा की बिना संवेदना या करुणा भाव रखे हम कामयाब जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। जलधारीजी ने अपनी कविताओं के जरिये सफल जीवन की बारीकियों को रेखांकित किया है।
इस मौके पर इंदौर प्रेस क्लब की ओर से शशीन्द्र जलधारीजी को सम्मानित कर उनके स्वस्थ्य और सुखी जीवन की कामना की गई।
प्रारम्भ में दीप प्रज्ज्वलन के बाद अतिथियों का स्वागत इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, अभ्यास मंडल के रामेश्वर गुप्ता और अन्य विशिष्टजनों ने किया। संचालन प्रदीप जोशी ने किया। अंत में आभार महासचिव नवनीत शुक्ला ने माना।
जलधारीजी की कृति ‘कामयाब जीवन’ का लोकार्पण
Last Updated: July 14, 2019 " 12:49 pm"
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