इंदौर : नगर निगम द्वारा प्रारंभ की गई सब्जी और फ्रूट बास्केट योजना धराशायी होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि जिन अधिकारियों को निगम आयुक्त ने जिम्मेदारी दी है, वह सब्जियों और फलों की गुणवत्ता को मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते लगातार खराब सब्जियां आने की शिकायतें मिल रही हैं । कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि निगम की सब्जी इतनी खराब होती है कि उसका उपयोग ही नहीं किया जा सकता। गुणवत्ता खराब होने के कारण यह सब्जी महंगी भी पड़ रही है। निगम ने शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों ने सब्जी का आर्डर देना ही बंद कर दिया। अब निगम को सब्जियों के प्रतिदिन सिर्फ 6 हजार आर्डर ही मिल पा रहे हैं। यही हाल फ्रूट बास्केट का भी है। इसमें भी फलों की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते इतने बड़े शहर में अधिकतम 10 हजार आर्डर ही प्रतिदिन मिल पा रहे हैं। अगर निगम अधिकारियों ने आगे भी ध्यान नहीं दिया तो यह दोनों योजनाएं असफल होने की पूरी संभावना है। वहीं दूसरी ओर लाख प्रयास के बावजूद शहर में बड़ी मात्रा में फल और सब्जियां अभी भी शहर में अवैध रूप से आ रही हैं। निगम इन्हें जब्त कर चिड़ियाघर में जानवरों को खिलाने भेज रहा है पर कतिपय कर्मचारियों की मिलीभगत से जब्त सब्जियों की बंदरबाट के आरोप भी लग रहे हैं। इससे अच्छा तो यह है कि जब्त सब्जियां सेनिटाइज करके कम भावों पर जनता को उपलब्ध करवा देना चाहिए। जनता को अच्छी और गुणवत्ता युक्त सब्जी वाजिब भावों पर मिलने से उसकी शिकायतें भी कम हो जाएंगी।
नगर निगम द्वारा सप्लाय की जा रही फल व सब्जियों की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल, ऑर्डर में आई कमीं..?
Last Updated: May 19, 2020 " 10:03 am"
Facebook Comments