इंदौर : कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका में जिला प्रशासन ने सैम्पल लेने की तादाद तो बढा दी है लेकिन टेस्टिंग के मामले में हालात जस के तस हैं। यही कारण है कि बड़ी तादाद में सैम्पल पेंडिंग हो रहे हैं। बीते दो दिनों में ही लगभग 1900 सैम्पल्स पेंडिंग हो गए हैं। यही नहीं हद दर्जे की लापरवाही अब सामने आ रही है। अप्रैल माह में कोरोना से हुई मौतों की पुष्टि अब जाकर की जा रही है।
44 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि…
गुरुवार 9 जुलाई के जो आंकड़े सीएमएचओ कार्यालय ने जारी किए हैं, उसके मुताबिक 2449 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। हालांकि 14461 सैम्पलों की ही जांच हो पाई। 1399 सैम्पल निगेटिव पाए गए। 44 सैम्पल पॉजिटिव निकले। 4 रिपीट पॉजिटिव मिले जबकि 14 जांच योग्य नहीं होने से खारिज किए गए। आज दिनांक तक की बात करें तो कुल 98 हजार 943 सैम्पल्स की जांच की गई। 5087 सैम्पल पॉजिटिव पाए गए। इनमें से 77 फीसदी से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं।
अप्रैल में जान गंवा चुके 3 मरीजों की अब की गई कोरोना से मौत की पुष्टि।
इसे हद दर्जे की लापरवाही कहें या जानबूझकर की गई आंकड़ों की बाजीगरी, बीते अप्रैल माह में जिन मरीजों की मौत हो चुकी है, उन्हें अब कोरोना से हुई मौत बताकर उनके नाम मृतकों की सूची में जोड़े जा रहे हैं। गुरुवार 9 जुलाई को जिन 3 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, असल में उनकी मौत बीते अप्रैल माह में ही हो गई थी। इन्हें मिलाकर अब तक कुल 258 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है।
43 मरीज किए गए डिस्चार्ज…
गुरुवार को कोविड अस्पतालों से 43 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए। इन्हें मिलाकर अब तक कुल 3946 मरीज कोरोना को शिकास्टडे चुके हैं। 883 मरीजों का इलाज फिलहाल चल रहा है।