इंदौर : शरीर के रोग तो डाॅक्टर दूर कर देते हैं लेकिन मन के रोग भागवत से ही दूर हो सकते हैं। कलियुग के पाप, ताप और संताप नष्ट करने की कथा भागवत ही है।यह कथा पांडाल भी किसी आॅपरेशन थिएटर जैसा है, जहां काम, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और मोह जैसे रोगों की शल्य क्रिया होती है।
रंगवासा स्थित किष्किंधा धाम मंदिर परिसर पर रामानंदीय पीठ के महंत ब्रम्हलीन जामवंतदास महाराज की प्रेरणा से भागवताचार्य चैतन्य महाराज ने अपने आॅनलाइन प्रवचन के समापन सत्र में ये विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर महंत गिरधारीलाल, राजेंद्र गर्ग, पं. योगेश शर्मा आदि ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वामी चैतन्य महाराज का सम्मान किया। गौसेवा के निमित्त आचार्य चैतन्य महाराज 10 अक्टूबर से यशवंत सागर स्थित हनुमान मंदिर पर भी भागवत ज्ञानयज्ञ में सान्निध्य प्रदान करेंगे। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर गौशालाओं के सहायतार्थ भागवत ज्ञानयज्ञ के आयोजन का संकल्प किया है। कथा समापन के अवसर पर 24 अवतार का पूजन भी किया गया।
कलियुग के पाप, ताप और सन्ताप नष्ट करने की कथा है भागवत- चैतन्य महाराज
Last Updated: September 29, 2020 " 03:00 pm"
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