भोपाल : मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस मामले में नए नियम और प्रोटोकॉल बनाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि जनवरी में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न करवाए जा सकते हैं। नगरीय निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले नगर निगम, नगर पालिका में पार्षद पद के उम्मीदवारों को शिवराज सरकार ने बड़ा झटका दिया है।
दरअसल सरकार ने नगर निगम और नगर पालिका में पार्षद पद का चुनाव लडना महंगा कर दिया है। अब इसके लिए पार्षद पद के उम्मीदवारों को अधिक राशि जमानत के बतौर जमा करनी होगी। इस मामले में राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श पर मध्य प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में बदलाव किया है। हालांकि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के साथ महिला प्रत्याशियों को कुल जमानत राशि का आधा हिस्सा ही देना होगा। नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद पद के लिए नियम में एक और बदलाव किया गया है। जिसके मुताबिक एक नया प्रावधान मतपत्र को लेकर लागू किया गया है।
बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव में नगर पालिका में पार्षद पद पर खड़े होने वाले उम्मीदवार को 3000 रुपए जमानत राशि जमा करनी होती थी परंतु इस बार यह जमानत राशि बढ़ाकर 5000 रुपए कर दी गई है। नगर निगम चुनाव में पार्षद पद हेतु जमानत राशि 5000 रुपए थी। जिसे बढ़ाकर 10000 रुपए कर दिया गया है। हालांकि नगर परिषदों में पार्षद पद के चुनाव हेतु जमानत राशि 1000 रुपए ही रखी गई है। वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और महिला वर्ग को जमानत राशि आधी देनी होगी।
महापौर, अध्यक्ष पद के चुनाव में जमानत राशि यथावत।
नगर निगम में महापौर पद के चुनाव में जमानत राशि 20 हजार रुपए, नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए 15 हजार और नगर परिषद के अध्यक्ष के लिए जमानत राशि 10000 रुपए ही रहेगी।
पार्षद पद के चुनाव में डाले गए मतों का बंडल अलग बनाया जाएगा और उस पर पार्षद पद का उल्लेख किया जाएगा। बता दे कि ऐसी व्यवस्था अध्यक्ष के मत पत्रों को लेकर भी की जा चुकी है।
पोलिंग बूथ की व्यवस्था
इसके साथ ही नगरीय निकाय चुनाव में 22000 पोलिंग बूथ की व्यवस्था होगी। जिस पर एक करोड़ 68 लाख मतदाता अपने मत का उपयोग करेंगे। नगर निकाय के विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों को ऑनलाइन फॉर्म का प्रिंट चुनाव अधिकारी को सौंपना होगा। जिसके बाद नॉमिनेशन के लिए सारे कागजात चुनाव अधिकारी को सौंपने होंगे।
प्रत्येक पोलिंग बूथ पर 1000 मतदाताओं के मत देने की ही व्यवस्था होगी। जिन्हें सैनिटाइज किया जाएगा इसके साथ ही मास्क नहीं होने पर वोटरों को मत देने का अधिकार नहीं होगा। हर पोलिंग बूथ पर थर्मल स्कैनर भी लगाया जाएगा। जिससे लोगों की थर्मल चेकिंग की जाएगी।
इसके साथ यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमण की चपेट के आने के बाद क्वॉरेंटाइन है तो वोटिंग के आधे घंटे के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में उसे मत देने का अधिकार होगा। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध और क्वॉरेंटाइन लोग पोस्टल बैलट के माध्यम से वोट डाल सकेंगे। कोरोना संक्रमित, संदिग्ध लोगों को फर्स्ट कम फर्स्ट बेसिस पर प्रेफरेंस दिया जाएगा और उन्हें लाइन में नहीं लगाया जाएगा।