भोपाल : नई शराब दुकानें खोलने का प्रस्ताव लाकर किरकिरी करा चुकी शिवराज सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने फिर परेशानी में डाल दिया है। उमा भारती के विरोध के बाद सरकार को प्रस्ताव रद्द करके मुंह की खानी पड़ी थी। अब एक कदम और बढ़ाते हुए पूर्व सीएम उमा ने शराबबंदी अभियान की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर वे शराब बंदी का अभियान शुरू करेंगी। मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इसकी प्लानिंग कर रही है। यह किस तरह का होगा, इसकी जानकारी अगले पांच दिन में पता चल जाएगी।
उमा भारती के इस ऐलान से शिवराज सरकार की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि सरकार वर्ष 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है।
उमा भारती ने शराब बंदी अभियान की जानकारी सोशल मीडिया पर दी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब बंदी अभियान की जानकारी सोशल मीडिया पर दी।उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘शराब और नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गई है। खुशबू नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की है तथा वह उत्तराखंड़ में मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आई थीं। मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनों देखे, तभी उसका नाम गंगा भारती हो गया था। मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिए कहा है। आगे का विवरण वह स्वयं आपको 5 दिन बाद बताएंगी।’
10 दिन पहले दे दी थी चेतावनी
मध्य प्रदेश में शराब की नई दुकानें खोलने के बारे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आने के बाद ही उन्होंने संकेत दे दिए थे कि वह शराब बंदी को लेकर अभियान शुरू करेंगी। करीब 10 दिन पहले उन्होंने कहा था कि नशा करने के बाद ही रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए नशा और शराबबंदी होनी चाहिए। ऐसा निर्णय लेने के लिए राजनैतिक साहस की जरूरत होती है। मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था- थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता।
*नड्डा से की थी अपील।
उमा भारती शराबबंदी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी अपील कर चुकी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था- ‘मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी कीजिए। उन्होंने बिहार में शराबबंदी को लेकर कहा कि राजनीतिक दलों पर चुनाव जीतने का दबाव रहता है। बिहार में बीजेपी की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिया है।