राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भारत की सांस्कृतिक चेतना और गौरव की पुनः स्थापना है : राजनाथ सिंह

  
Last Updated:  January 14, 2024 " 07:05 pm"

ट्रायस्ट विथ अयोध्या: डीकोलोनाइजेसन ऑफ़ इंडिया का विमोचन।

नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को पूर्व संपादक, पूर्व राज्यसभा सांसद एवं लेखक बलबीर पुंज की पुस्तक ट्रायस्ट विथ अयोध्या: डीकोलोनाइजेशन ऑफ़ इंडिया (Tryst with Ayodhya: Decolonisation of India) के विमोचन के अवसर पर कहा कि अयोध्या तोड़ती नहीं जोड़ती है। इस पुस्तक का प्रकाशन किताब वाले द्वारा किया गया है।

राम सिर्फ राजा नहीं लोकनायक हैं।

कार्यक्रम को संबोधित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राम का नाम मस्तिष्क में आते ही रावण का नाम भी ध्यान में आता है। रावण, राम से धनवान भी थे, बलवान भी थे, ज्ञानवान भी थे, लेकिन पूजा राम की होती है। राम ने संपूर्ण जीवन मर्यादाओं का पालन किया। राम सिर्फ राजा नहीं बल्कि लोकनायक है। समता मूलक समाज की कल्पना सर्वप्रथम राम ही देते हैं। राम सदैव मर्यादा से बंधे रहे। इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। राम सबके हैं और वह सबमें हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन भारत के लिए सबसे गर्व का दिन है। इस पल के लिए हिंदू समाज को 500 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा। हजारों लोगों का बलिदान हुआ। हम भाग्यशाली है कि इस पल के साक्षी बन रहे हैं।

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भारत के गौरव की पुनर्स्थापना है।

रक्षामंत्री ने कहा कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भारत की सांस्कृतिक उत्थान एवं गौरव की पुनर्स्थापना की शुरुआत है। रामलला की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ राम राज्य के मूल्यों की पुनर्स्थापना होगी। अयोध्या का राम मंदिर केवल मंदिर मात्र नहीं है। वह हमारी सनातन आस्था का प्रतीक बनेगा। राम थे, राम हैं और राम रहेंगे।

इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भारत की सारी आध्यात्मिक शक्ति की उपस्थिति रहेगी। हम 10 करोड़ परिवारों को 55 देश में न्योता दे रहे हैं कि वह 22 जनवरी के कार्यक्रम को अपने घर के टीवी पर नहीं देखें बल्कि अपने मोहल्ले के मंदिर में सामूहिक रूप से उपस्थित होकर मंदिर में ही देखें।
उन्होंने आगे कहा की जैसे-जैसे मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी, हम सबको अपने हृदय में भी राम जी को उतारना चाहिए।

राम हैं इसलिए भारत है।

पुस्तक के लेखक बलबीर पुंज ने बताया कि अगर भारत, भारत है तो वह इसलिए की राम है। अगर भारत से राम को निकाल दिया जाए तो वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान बन जाएगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित इस विमोचन कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह तथा किताब वाले प्रकाशन के चेयरमैन प्रशांत जैन भी उपस्थित थे।

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