टीबी उन्मूलन को लेकर रखी गई परिचर्चा, 2025 तक इंदौर को टीबी मुक्त करने का तय किया लक्ष्य

  
Last Updated:  July 10, 2022 " 02:26 pm"

इंदौर : देश और प्रदेश के साथ इंदौर को भी 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए जरूरी है की लोगों में टीबी को लेकर जागरूकता आए। इसी दिशा में पहल करते हुए एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने आईएमए इंदौर के सहयोग से टीबी को लेकर परिचर्चा का आयोजन किया। मेडिकल कॉलेज के सभागार में रखी गई इस परिचर्चा की अध्यक्षता डेप्युटी डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्यूबर्कूलोसिस, सेंट्रल टीबी डिवीजन, नई दिल्ली डॉ. आरपी जोशी ने की। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, सीएमएचओ डॉ.बीएस सैत्या, आईएमए, इंदौर के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला भी इस दौरान अतिथि के बतौर मौजूद रहे।
परिचर्चा में डॉ. जोशी ने केंद्रीय टीबी डिवीजन द्वारा चलाए जा रहे टीबी उन्मूलन अभियान के बारे में जानकारी देते हुए उपस्थित डॉक्टर्स, टीबी उन्मूलन व जागरूकता से जुड़े स्वयंसेवी संगठन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से संवाद साधा और उनसे सुझाव भी मांगे।

टीबी की जांच, उपचार और पोषण आहार पूरीतरह मुफ्त।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि इंदौर को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।यह परिचर्चा इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने बताया कि टीबी की जांच व उपचार के साथ मरीज को पोषण आहार भी मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। टीबी पूरीतरह ठीक हो सकती है। इसकी जांच और ट्रीटमेंट में भी नए आयाम जुड़े हैं। जरूरत इसके बारे में जागरूकता लाने की है, ताकि टीबी से ग्रसित मरीजों को समुचित उपचार मिल सके और उनका परिवार व परिचित संक्रमण की चपेट में आने से बच सके।

माइक्रो बायोलॉजिकल टेस्ट करवाएं।

परिचर्चा में कहा गया की टीबी के मरीजों की क्लिनिकल की बजाय माइक्रो बायोलॉजिकल टेस्ट करवाई जाए तो उनका इलाज जल्द और समय रहते शुरू हो सकता है। जिला टीबी उन्मूलन अधिकारी डॉ. राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पास टीबी की माइक्रो बायोलॉजिकल जांच के लिए उन्नत लैब व उपकरण उपलब्ध हैं। एक दिन में वे तीन हजार से ज्यादा सैंपल की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध करा सकते हैं। इसी के साथ उनके पास आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम है, जो टीबी उन्मूलन में मददगार की भूमिका निभा सकती है। उन्होंने टीबी उन्मूलन से जुड़ा महती अभियान 15 अगस्त से लॉन्च करने की भी जानकारी दी।

परिचर्चा में टीबी के उपचार के नवीनतम आयामों से डॉक्टर्स को अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन आईएमए, इंदौर के माध्यम से करने का सुझाव दिया गया। स्वयंसेवी संगठनों ने अपनी ओर से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाने का भरोसा दिलाया। डॉ. आरपी जोशी ने सेंट्रल टीबी डिवीजन की ओर से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।

परिचर्चा में जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. माधव हसानी, डॉ. प्रवीण दाणी, डॉ. रूपेश मोदी, डॉ. उपेंद्र सोनी और डॉ. उपेंद्र सोनी ने भी अपनी बात रखी। इस दौरान इंदौर जिले को टीबी से मुक्त कराने का संकल्प भी उपस्थित लोगों को दिलवाया गया।

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