इंदौर : रविवार 28 मार्च को होली है पर सड़कों पर सन्नाटा है। कुछ गाड़ियां नजर आती भी हैं तो ये वो लोग हैं जिन्हें किसी आवश्यक काम से जाना है। ठेला- गुमटी सहित चाय- पान की दुकानें तक बन्द हैं। सभी घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं। शनिवार देर रात कई शर्तों के साथ होलिका दहन की अनुमति मिलने के बाद गली- मोहल्लों में बच्चों ने सांकेतिक होलिका दहन की तैयारी अवश्य की है लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर होलिका दहन पर रोक यथावत है। सरकारी होली भी सांकेतिक रूप से दहन की जाएगी।
कोरोना ने रंगपर्व को किया बेरंग।
रंगपर्व होली जीवन में खुशियों के रंग भरने का पर्व है।कई दिनों पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती है। रंग, पिचकारी, मिठाई, पूजन सामग्री,ढोलक, बैंड बाजे वाले सहित कई लोगों का रोजगार इस पर्व से जुड़ा है। जिन घरों में गमी हो जाती है, उनका दुःख दूर कर खुशियों के रंगों में सराबोर करने का काम होली के रंग ही करते है। लेकिन बीते वर्ष से कोरोना के संक्रमण ने ऐसी हालत बना दी है कि सिर्फ होली के रंग ही फीके नहीं पड़े हैं, हर त्योहार की रंगीनियत कहीं खो गई है। केवल अपनी और अपनों की जान बचाने की जद्दोजहद में सभी लगे हुए हैं।