कलेक्टर की ठसक से बिगड़ी सरकार की छवि को निखार दिया कमिश्नर ने।
एक दिन पहले निलंबन पर हस्ताक्षर, दूसरे दिन उसी ऑफिस से बहाली के आदेश जारी।
कलमबंद हड़ताल का लाभ नीरज शर्मा को भी मिला, ब्रजेंद्र शर्मा इंदौर अटैच।
कीर्ति राणा, इंदौर : एक दिन पहले निलंबन का आदेश निकालने वाला कार्यालय चौबीस घंटे से पहले ही अपने आदेश को वापस लेकर बहाली का आदेश निकाले तो समझा जा सकता है कुछ तो गलत हुआ है।खंडवा कलेक्टर पर भरोसा करने वाले संभागायुक्त को चौबीस घंटे से पहले ही समझ आ गया कि कलेक्टर के अहंकार की वजह से ही प्रदेश के जनसंपर्क अधिकारी असहयोग को बाध्य हुए हैं। पहले जारी किए निलंबन के आदेश को वापस लेते हुए कमिश्नर ने ब्रजेंद्र शर्मा को इंदौर जनसंपर्क कार्यालय में अटैच कर दिया है।उनकी इस तत्परता ने सरकार की बिगड़ने वाली छवि को भी निखार दिया।
संभागायुक्त डॉ पवन शर्मा की तत्परता और ब्रजेंद्र शर्मा के निलंबन का आदेश वापस लेने से प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ जनसंपर्क अधिकारियों ने कलमबंद हड़ताल भी समाप्त कर दी है।हालांकि हड़ताल वापस लेने वाले जनसंपर्क अधिकारी भी अब उस मांग को याद नहीं रखना चाहते कि दोनों अधिकारियों को दण्डित किया जाए।
जनसंपर्क अधिकारियों द्वारा उक्त निलंबन आदेश के विरुद्ध शुरु की गई कलमबंद हड़ताल का भोपाल कार्यालय में पदस्थ नीरज शर्मा को भी लाभ मिल गया है। करीब दो महीने पहले शर्मा को संस्कृति विभाग की बैठक में एक मिनट विलंब से पहुंचने पर पीएस जनसंपर्क एसएस शुक्ला ने निलंबित कर दिया था। संस्कृति-पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी शर्मा की कोई मदद नहीं कर पाई थी। सोमवार को जनसंपर्क अधिकारियों की कलमबंद हड़ताल के चलते पहला आदेश नीरज शर्मा की बहाली का निकला।
इसके बाद संभागीय अधिकारी, राज्य अधिकारी संघ के अध्यक्ष अरुण राठौर पर कलमबंद हड़ताल वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। राठौर का कहना था पहले ब्रजेंद्र शर्मा की वापसी का सम्मानजनक आदेश जारी हो जाए, फिर आंदोलन वापस ले लेंगे। संभागायुक्त कार्यालय से आदेश जारी हुआ कि शर्मा की बीमारी वाले कारण संज्ञान में आने पर उनका निलंबन आदेश वापस लिया जाकर अगले आदेश तक इंदौर संयुक्त संचालक जनसंपर्क कार्यालय में अटैच किया जाता है।यह आदेश जारी होने के बाद कलम बंद हड़ताल भी वापस ले ली गई।
वॉयरल हुई लिस्ट कौन कितना सक्रिय।
खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी ने ब्रजेंद्र शर्मा को काम में उदासीनता, लापरवाही, मीडिया से संबंध ना रखने जैसे आरोप लगाते हुए भोपाल रिलीव कर दिया था। बाद में कलेक्टर का बचाव करते हुए कमिश्नर डॉ शर्मा ने ब्रजेंद्र शर्मा को निलंबित भी कर दिया था। कलेक्टर के उक्त आदेश पश्चात सोशल मीडिया पर एक लिस्ट जारी हुई थी जिसमें यह स्पष्ट हो रहा था कि जनसंपर्क अधिकारी कमर संबंधी तकलीफ के बाद भी सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर निरंतर सक्रिय रहे हैं।
इंदौर अटैच किए जाने से सभी संतुष्ट ।
कमिश्नर द्वारा ब्रजेंद्र शर्मा को अगले आदेश तक इंदौर अटैच किए जाने से जनसंपर्क विभाग के सभी अधिकारी संतुष्ट हैं।उनका कहना है शर्मा वहीं पदस्थ रहते तो कलेक्टर अन्य किसी मामले में उनको पुन: निशाना बना सकते थे।