इंदौर : झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में इसलिए भी स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है कि उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए स्वयं को न्यौछावर किया, बल्कि देश के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए भी नई राह दिखाई। विषम हालातों से जूझकर देश के लिए मर मिटने का यह अनूठा प्रसंग हर युग में प्रेरक, अनुकरणीय और प्रासंगिक है। इतिहास में नाम उन्ही का दर्ज होता है जो देश के लिए सर्वस्व का त्याग करते हैं। लक्ष्मीबाई का त्याग इसीलिए वंदनीय और अनुकरणीय है।
ये विचार हैं अतिथि वक्ताओं के, जो उन्होने शुक्रवार सुबह यंग इंडिया क्लब द्वारा क्रांतिकारी वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर किला मैदान स्थित प्रतिमा स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। क्लब के अध्यक्ष श्याम अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर हंस पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास, अखंड धाम के महामंडलेश्वर डाॅ. स्वामी चेतन स्वरूप, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, अर्चना जायसवाल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव, परशुराम महासभा के जिलाध्यक्ष पं. पवनदास शर्मा, संत अमित दास के साथ अनेक नागरिकों ने सोशल डिस्टेंस के साथ मानव श्रृंखला बनाई और कोरोना महामारी के दौरान दूसरों की जान बचाने के लिए खुद शहीद हो जाने वाले कोरोना योद्धाओं को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सेवानिवृत्त फौजी वीरजी छाबड़ा ने देशभक्ति के तराने प्रस्तुत किए। वीरजी को अतिथियों ने इस वर्ष के महारानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से भी सम्मानित किया।
प्रारंभ में यंग इंडिया क्लब की ओर से अध्यक्ष श्याम अग्रवाल, राजेंद्र मिश्रा, रमेश सेन, मोहित अग्रवाल, सतीश सेन, हितेश, राहुल एवं बलराम अग्रवाल, मनोज गोपाले, विजय यादव, विलास विभाडिक, दिनेश अग्रवाल, अनवर मामू, अजय चैकसे, संतोष यादव, प्रो. चेतन वर्मा, डाॅ. निर्मल महाजन, महेश शर्मा, राजेश शर्मा, नवीन गुप्ता, एहमद अब्बासी ने सभी संतों व अतिथियों का स्वागत किया।
रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर क्लब की ओर से अध्यक्ष श्याम अग्रवाल ने माल्यार्पण किया। इस दौरान महारानी के जयघोष की गूंज लगातार होती रही।
महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर अर्पित किए गए श्रद्धासुमन
Last Updated: June 18, 2021 " 08:29 pm"
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