इंदौर : देशभर में स्वच्छता में इंदौर का परचम लहरा रहा है तो उसकी बुनियाद कलेक्टर मनीष सिंह ने रखी थी। तत्कालीन महापौर मालिनी गौड़ का पूरा साथ तत्कालीन निगमायुक्त मनीष सिंह को मिला और उन्होंने नगर निगम की काया पलट दी। घर- घर से गीला व सूखा कचरा अलग- अलग कलेक्ट करने से लेकर उसके निपटान की पूरी प्रोसेस उन्होंने शुरू करवा दी। यही कारण है कि उनके निगमायुक्त रहते इंदौर दो बार स्वच्छता में नम्बर वन रहा। उनके बाद आए निगमायुक्त आशीष सिंह ने भी मनीष सिंह के काम को आगे बढाने के साथ कई नवाचार भी किए। उनके रहते भी इंदौर नम्बर वन बना रहा। बीते वर्ष निगमायुक्त बनकर आई प्रतिभा पाल के समक्ष स्वच्छता में नम्बर वन के तमगे को बरकरार रखना बड़ी चुनौती थी पर मनीष सिंह के कलेक्टर होने से उनका मार्गदर्शन निगमायुक्त पाल मेडम को मिला। यही कारण है कि स्वच्छता में पंच लगाने के साथ सफाई मित्र सुरक्षा चेलेंज में भी इंदौर को पहला पुरस्कार हासिल हुआ।
इंदौर को स्वच्छता में पांचवी बार नम्बर वन आने का जो गौरव मिला है, उसमें तमाम जनप्रतिनिधि, सफाई कर्मचारी,व जनता का भी अहम योगदान है पर इसके शिल्पकार मालिनी गौड़ व मनीष सिंह ही हैं। शायद इसीलिए पंच लगाकर दिल्ली से लौटे कलेक्टर मनीष सिंह के स्वागत के लिए विमानतल पर होड़ मची रही। किसी ने गुलदस्ता तो किसी ने फूलों का हार पहनाकर मनीष सिंह का अभिनंदन किया। इस दौरान मनीष सिंह जिंदाबाद के नारे भी खूब लगे।
स्वच्छता के प्रति इंदौर के जज्बे और जुनून की जीत।
कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर के लगातार पाँचवी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित होने पर शहर के नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नागरिकों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता के कारण यह संभव हो सका है। इंदौर ने फिर स्वच्छता का परचम लहराया है यह गौरवशाली उपलब्धि है। श्री सिंह ने कहा कि यह स्वच्छता के प्रति इंदौर के जज्बे और जुनून की जीत है।