इंदौर : शहर की प्रतिष्ठित संस्था आपले वाचनालय के संस्थापक संस्कृति पुरुष वसंत राशिनकर की स्मृति में प्रतिवर्ष
आयोजित होने वाले अ. भा. सम्मान समारोह का गरिमापूर्ण आयोजन राजेन्द्र नगर स्थित आपले वाचनालय सभागृह में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुंबई के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री , लेखक तथा वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक के डायरेक्टर डॉ. आशुतोष रारावीकर थे।
आपले वाचनालय का रचनात्मक योगदान प्रेरणास्पद।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि रारावीकर ने आपले वाचनालय के वृहद सामाजिक, साहित्यिक कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि संस्था का रचनात्मक अवदान अतुलनीय ही नहीं प्रेरणास्पद भी है। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.अनिल गजभिये और विशेष अतिथि द्वय मधुसुदन तपस्वी व अरविन्द
जवलेकर ने संस्था द्वारा साहित्य , कला संस्कृति के क्षेत्र में किए गए कार्यों का स्मरण किया।
इसके पूर्व प्रसंग वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अरुण डिके ने अपने प्रभावी संबोधन में वसंत राशिनकरजी के कार्यों को शिद्दत से याद किया। डिके ने उन्हें शहर की सांस्कृतिक धरोहर निरुपित किया।
इंगोले को अखिल भारतीय वसंत राशिनकर स्मृति सम्मान से नवाजा।
आपले वाचनालय व सर्वोत्तम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मान समारोह में लोणार, महाराष्ट्र के प्रतिभाशाली कवि डॉ. विशाल इंगोले को कविवर्य वसंत राशिनकर स्मृति अ. भा. सम्मान से सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय कृतियों को दिए जाने वाले वसंत राशिनकर काव्य साधना अ. भा. सम्मान से मुंबई से आये डॉ. विजयकुमार
देशमुख , येवतमाल से विनय मिरासे “अशांत “, अकोला से सुरेश पाचकवड़े, धुलिया से प्रभाकर शेलके व इंदौर
की मेधा खीरे को सम्मानित किया गया।
रामुभैया दाते सम्मान राधिका धर्माधिकारी को।
इस अवसर पर अच्युत पोतदार प्रदत्त रामू भैय्या दाते स्मृति पुरस्कार शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए राधिका धर्माधिकारी को दिया गया ।
इस प्रसंग पर सीए जयंत गुप्ता की विशिष्ट कृति “आस्था की अनुगूँज” का श्रीति राशिनकर द्वारा किए गए मराठी अनुवाद
” दिव्यतेची प्रचिती ” का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।
उत्तरार्ध में ” वसंत काव्य संध्या ‘ शीर्षक से मराठी कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। इस बहुरंगी काव्य यात्रा में
मदन बोबडे , डॉ. विजयकुमार देशमुख,अनंत काईतवाडे , मनीष खरगोणकर, सुषमा अवधूत , मेधा खीरे , उमेश थोरात , ज्ञानेश्वर तीखे , विश्वनाथ शिरढ़ोंणकर,वैशाली पिंगले , अरुणा खरगोणकर, दीपक देशपांडे ,मधुरा देशमुख और वैजयन्ती दाते ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीति राशिनकर और डॉ. वसुधा गाडगिळ ने किया। मनोहर शहाणे द्वारा गाई सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों का स्वागत सुभाष रानडे, प्रफुल्ल कस्तुरे , जयंत गुप्ता व श्री देशपांडे ने किया। आभार संदीप राशिनकर ने माना। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सुधि श्रोता उपस्थित थे।